Uttar Pradesh Assembly Election 2022: कोविड की चुनौतियों के बीच चुनाव की तारीख़ों का ऐलान होने से सियासी दलों की वर्चुअल तैयारी भी सामने आएगी. चुनावी तैयारियों में अब तक अपनी पूरी ताक़त लगा चुकी बीजेपी के Digital Network की असली परीक्षा भी अब होगी, जिसमें पार्टी की ज़िला इकाइयों पर भी ज़िम्मेदारी होगी. ऐसे में पूरी IT टीम को तैयार रहने के लिए कहा गया है.
कोविड के मामले बढ़ने के साथ ही वर्चुअल तरीक़े से लोगों तक पहुंच बनाने और प्रचार कराने को लेकर राजनीतिक दलों पर दबाव बढ़ गया है. इन तैयारियों के लिए तकनीकी दक्षता के साथ पार्टी संसाधनों की भी ज़रूरत होगी. बीजेपी ने हाल ही में अपनी समीक्षा बैठकों में पार्टी की IT टीम को तैयार रहने के लिए कहा है. पार्टी के IT विभाग के प्रमुख ने कहा, 'वक़्त हमारा है योद्धाओं ! आप सब विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं. अब बाकी सबको जगाने की बारी है. आईटी टीम का एक-एक सिपाही हज़ारों के बराबर है ...जय श्री राम!'
ज़िला कार्यालयों में बनाए गए IT कक्ष होंगे वॉर रूम
अब IT और सोशल मीडिया टीम की भूमिका पहले से कहीं ज़्यादा बड़ी होगी. इसमें सिर्फ़ प्रदेश की टीम के केंद्रीय कार्यालय या प्रदेश के कार्यालय की भूमिका होगी, बल्कि यूपी के उन ज़िलों के ज़िला कार्यालयों की भी अहम भूमिका होगी, जिनमें dedicated IT Room बनाए गए हैं. बीजेपी के उत्तर प्रदेश के क़रीब 50 ज़िलों में ऐसे dedicated room हैं. चुनाव की तारीख़ों के ऐलान के एक सप्ताह में 13 और ज़िलों में IT के लिए अलग से रूम बन जाएंगे. इन कक्षों में सारे उपकरण और ज़रूरी सामान मौजूद हैं. इस कक्षों में अलग से कर्मचारी हैं.
इस बार भारतीय जनता पार्टी ने जहां 100 से ज़्यादा वर्चुअल रैलियां करने का प्लान तैयार किया है, वहीं 3D Max Studio के ज़रिए भी रैलियां होंगी. यानी तकनीक के माध्यम से दो अलग अलग जगह बैठे नेताओं का एक ही रैली में संबोधन हो सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी ने टेक्निकल सपोर्ट पहले ही ले लिया है. दूसरी ख़ास बात ये है कि पार्टी बूथ अध्यक्षों या बूथ के कार्यकर्ताओं को भी सीधे जोड़ने का प्रयोग कर चुकी है. अगर बीजेपी के ज़िलों की तैयारी की बात करें तो औसतन 2 कम्प्यूटर हर ज़िले के आईटी कक्ष में रखे गए हैं. यहां उस ज़िले के कार्यकर्ताओं से लेकर बूथ तक का पूरा ब्योरा मौजूद है. एक ऐसे ही ज़िले चंदौली के ज़िलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह का कहना है कि डिजिटल कक्ष चुनाव के दौरान वॉर रूम में बदल जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारे पास कम्प्यूटर, लैपटॉप, कैमरे और सभी सामान हैं. हम एक क्लिक से किसी भी बूथ अध्यक्ष या कार्यकर्ता से जुड़ सकते हैं. बीजेपी IT सेल के प्रदेश प्रमुख कामेश्वर मिश्रा कहते हैं कि इस तरह से तैयारी की भी कुछ चुनौतियां हैं. रोज़ नई टेक्नोलॉजी आती है. इसके आते ही पुरानी वाली irrelevant हो जाती है. ऐसे में हमारे पास पहले से अब तक की सबसे आधुनिक तकनीक है. पर और भी चीजों पर काम चल रहा है.
कोविड की दूसरी लहर में की थी तैयारी
दरअसल बीजेपी ने इसकी तैयारी और शुरुआत कोविड की पहली लहर से कर दी थी. दूसरी लहर में इसको तेज कर दिया था. हर ज़िले में बीजेपी कार्यालय बनाने के साथ ही उसमें IT विभाग का कमरा भी निर्धारित कर दिया गया था, जहां पर पार्टी के अपने कार्यालय नहीं थे, वहां पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई थी. पार्टी के आईटी विभाग की इस नेटवर्किंग की वजह से अभी मौजूद समय में उत्तर प्रदेश में भाजपा किसी भी ज़िले से वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग या वर्चुअल प्रज़ेंटेशन कर सकती है.
पार्टी के IT विभाग और सोशल मीडिया विभाग के कई whatsapp group भी सक्रिय हैं. पार्टी के IT विभाग के प्रमुख कामेश्वर मिश्रा कहते हैं कि हमारी IT टीम का एक लाभ ये भी है कि हमारे पास centralised data है, जो ज़रूरत पड़ने पर किसी भी ज़िले में उपलब्ध हो जाता है. ख़ास बात ये है कि पूरी तरह से टेक्नोलॉजी आधारित इस तैयारी की कमान भी पार्टी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने संभाली थी. यूपी भाजपा की IT विभाग की तैयारियों की सबसे बड़ी बानगी कोविड की दूसरी लहर के दौरान चलाए गए अभियान ‘सेवा ही संगठन’ से मिलती है.
उन्होंने कहा कि इस काल में रोज़ाना लगभग 14 virtual सभाएं या संवाद होता था, जिसमें पार्टी के लखनऊ कार्यालय से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी जुड़ते थे. इसके अलावा कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इससे जुड़े.
इसमें ज़िले की टीम से प्रदेश टीम का संवाद और उनको निर्देश दिए जाते थे. इसे सफलतापूर्वक कराने में प्रदेश की IT टीम की बड़ी भूमिका रही. प्रदेश की वर्चुअल तैयारी तब भी दिखी, जब पार्टी ने संगठनात्मक 6 क्षेत्रों को में तीन वर्चुअल रैली भी कर ली थी, जिसमें दो दो क्षेत्रों को मिलाकर जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी और नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्बोधित भी किया था. भाजपा की इन रैलियों की सफलता ने ही यूपी भाजपा की आईटी विभाग की पुख़्ता तैयारियों को सामने का दिया था.
सोशल मीडिया विभाग भी सक्रिय, हो चुकी है ट्रेनिंग
इस चुनाव में डिजिटल प्लेटफॉर्म का सबसे ज़्यादा प्रयोग होने की उम्मीद है. सबसे बड़ी बात एंड कार्यकर्ताओं से जुड़ने की है. भाजपा ने सभी ज़िलों को संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही ऐसे कार्यकर्ताओं को identify कर ट्रेनिंग भी कराई है, जो इस काम को दक्षता से कर सकते हैं.
भाजपा के सभी संगठनात्मक 98 ज़िलों में पार्टी के IT विभाग के कार्यकर्ता हैं. सभी ज़िलों में IT विभाग का संयोजक बनाए जा चुके हैं. वहीं इन वर्चुअल रैली और अन्य आडियो विज़ुअल प्रज़ेंटेशन को लोगों तक पहुंचाने के लिए पार्टी का सोशल मीडिया विभाग भी है. पहली बार हर ज़िले में सोशल मीडिया 1 संयोजक और 2 सह संयोजक बनाए जा चुके हैं. इसके नीचे विधानसभा स्तर पर और उसके भी नीचे मण्डल स्तर पर भी सोशल मीडिया की टीम है. सोशल मीडिया के प्रमुख अंकित चंदेल कहते हैं कि बीजेपी की पूरी तैयारी है और चुनाव में सोशल मीडिया टीम की सक्रियता भी दिखेगी.