मिशन यूपी (Mission UP) के लिए बीजेपी (BJP) ने अब चुनाव प्रचार से चुनाव प्रबंधन तक में संगठन की पूरी ताक़त लगा दी है. इसके लिए दूसरे राज्यों में संगठन की ज़िम्मेदारी संभाल रहे दिग्गज संगठन मंत्रियों ने यूपी में ज़िम्मा संभाल लिया है. गुजरात, राजस्थान, झारखंड के संगठन मंत्री और मध्यप्रदेश के सह संगठन मंत्री को अलग अलग क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन की ज़िम्मेदारी दी गई है.
जानकारी के अनुसार, काशी क्षेत्र के संगठन मंत्री रहे और अब गुजरात के संगठन मंत्री रत्नाकर, राजस्थान के संगठन मंत्री चंद्र शेखर, झारखंड के संगठन मंत्री धर्मपाल और मध्य प्रदेश के सह संगठन मंत्री हितानंद को यूपी चुनाव के लिए विशेष ज़िम्मेदारी दी गई है.
वहीं रत्नाकर को और धर्मपाल को काशी क्षेत्र में लगाया गया है, जबकि चंद्रशेखर को पश्चिम क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं हितानंद अवध क्षेत्र में चुनाव के लिहाज़ से प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे. मध्य प्रदेश के संगठन मंत्री रहे अरविंद मेनन को पहले ही गोरक्ष क्षेत्र में लगाया गया है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में इन राज्यों के कार्यकर्ता भी यूपी में पहुंच गए हैं, जो ज़िलों में प्रवास के लिए भेजे गए हैं.
यूपी में कार्य करने का अनुभव आएगा काम
देखा जाए तो भाजपा के लिए ये महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर उन संगठन मंत्रियों की बात करें तो इनके यूपी में काम को देखते हुए इनको उत्तर प्रदेश की ज़मीनी हक़ीक़त की समझ है. यूपी में पहले भी ये लोग काम कर चुके हैं. रत्नाकर तो काशी क्षेत्र में संगठन मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं. सभी कार्यकर्ताओं को पहचानते हैं और वहां काम का अनुभव है.
धर्मपाल विद्यार्थी परिषद में लंबे समय तक न सिर्फ़ काम करते रहे हैं, बल्कि नगर संगठन मंत्री से लेकर क्षेत्र संगठन मंत्री तक का दायित्व संभाल चुके हैं. उसके बाद विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रहे. विद्यार्थी परिषद के यूपी के कार्यकर्ता आज भी ज़्यादातर इनके सम्पर्क में हैं. चंद्रशेखर भी यूपी में संघ के विभाग प्रचारक जैसे दायित्व को संभाल चुके हैं. गोरखपुर क्षेत्र में पहले ही अहम ज़िम्मेदारी संभालने वाले अरविंद मेनन काशी में ही पले बढ़े हैं.
यूपी में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के कार्यकर्ता भी आए हैं. राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता यूपी में न सिर्फ़ आए हैं, बल्कि अलग अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. इन्हें ज़िलों में भेजा गया है. ज़िलों में ड्यूटी लगाई गई है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इनसे फ़ीड्बैक के अलावा गुटबाज़ी रोकने और स्थानीय स्तर की बात को ऊपर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है. बीजेपी के लिए ये कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी चुनावों में यूपी के कार्यकर्ता दूसरे राज्यों में और दूसरे राज्यों के कार्यकर्ता यूपी में आते रहे हैं. फ़िलहाल इन्हें ज़िला स्तर पर और विधानसभा स्तर पर ज़िम्मेदारी दी गई है.
प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौड़ का कहना है कि चुनाव के समय बहुत कार्य होते हैं. दूसरे प्रदेशों के जो कार्यकर्ता संगठन और व्यवस्था कार्य में दक्ष होते हैं, वो व्यवस्था और प्रबंधन का काम करते हैं. इससे काम तो होता ही है, उस जगह की गुटबाज़ी पर भी नियंत्रण होता है.
फ़ीडबैक भी ले रहे प्रवासी कार्यकर्ता, पहली बार महिला प्रवासी
दूसरे राज्यों से आने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को फ़ीड बैक के काम में लगाया गया है. जनता के बीच जाकर भी ये लोग फ़ीडबैक लेने का काम कर रहे हैं. ख़ास बात ये है कि पहली बार महिलाओं को भी प्रवासी बनाया गया है. दूसरे राज्यों की महिला कार्यकर्ता भी यूपी के ज़िलों में काम कर रही हैं.
प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौड़ कहते हैं कि बीजेपी राष्ट्रीय पार्टी है. हम लोग न सिर्फ़ राज्यों के कार्यकर्ताओं को लेकर ये करते हैं, बल्कि राज्य के अंदर भी एक ज़िले से दूसरे ज़िले के बीच ये करते हैं. यानी एक ज़िले का कार्यकर्ता दूसरे ज़िले में चुनाव में काम करता है और एक राज्य का कार्यकर्ता दूसरे राज्य में काम करता है.
यूपी में बीजेपी सरकार के कई मंत्री और यूपी भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी दूसरे राज्यों में प्रबंधन से लेकर रैली के मैनेजमेंट तक का दायित्व संभाल चुके हैं. वहीं बंगाल समेत कई राज्यों के चुनाव में यूपी भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल भी लंबे समय तक प्रवास करके ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं.
सबसे बड़ी गुजरात की टीम
वैसे तो अलग अलग राज्यों के कार्यकर्ता यूपी में चुनाव का काम संभालने आए हैं, पर इसमें सबसे बड़ी संख्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह के गृह राज्य गुजरात की है. गुजरात के संगठन मंत्री रत्नाकर काशी क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन का दायित्व संभाल रहे हैं. वहीं इसके कार्यकर्ता भी प्रदेश के हर ज़िले में काम कर रहे हैं. इनको कार्यालय प्रबंधन से लेकर, फ़ीड बैक तक की ज़िम्मेदारी दी गई है.