यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के साथ ही सियासी पार्टियों की गतिविधियां भी तेज हो रही हैं. पार्टी के नेता विपक्षी दलों के नेताओं पर जमकर हमला बोल रहे हैं. चुनावी रणनीतियों और तैयारियों के बीच ’बूथ मैनेजमेंट’ को अपनी ताक़त मानने वाली बीजेपी बूथ तक सक्रिय हो गयी है. बूथ कमेटियों के गठन के बाद अब पार्टी ने बूथ सत्यापन के लिए अपने प्रदेश स्तर के सभी नेताओं को ज़मीन पर उतार दिया है. प्रदेश अध्यक्ष और सभी नेता खुद बूथ पर जाकर सत्यापन कर रहे हैं.
पिछले चुनावों में बीजेपी के इस ‘माइक्रो प्लानिंग और माइक्रो मैनेजमेंट’ से बड़ी सफलता मिली थी. इसीलिए इस ओर नेतृत्व का विशेष ध्यान है. पार्टी ने ‘माइक्रो प्लानिंगट शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार बीजेपी ने माइक्रो प्लानिंग करते हुए बूथ कमेटी बनाने के लिए कई बिंदु तय किए हैं. इनका सत्यापन किया जा रहा है ताकि दावे हवा हवाई न हों.
इन बातों पर बीजेपी का विशेष ध्यान
सत्यापन में ये देखा जा रहा है कि बूथ समितियां ज़मीन पर (एक्चुअल) बनी हैं या नहीं, सभी गांव उसमें शामिल किए गए हैं या नहीं, सभी जातियों का प्रतिनिधित्व है या नहीं. इसके अलावा एक ख़ास बात और है कि वार्ड स्तर के जो विपक्षी दलों के चेहरे या जातियों के प्रभावशाली नेता हैं, उसमें से भी कुछ को साथ लिया जाए. समिति बनाते समय सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखा जाए. इससे सभी जातियों के प्रभावशाली लोग शामिल हो सकेंगे. ये बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पार्टी ज़मीनी(बूथ) स्तर पर ही विपक्षियों पर हावी हो सकती है.
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री, सांसद सुब्रत पाठक कहते हैं कि बूथ का सत्यापन ज़रूरी है. सभी को लेकर बीजेपी चलती है. ऐसे में निचले स्तर तक सभी वर्ग,क्षेत्र और जातियों को शामिल किया जाए ये महत्वपूर्ण है. इन सभी बातों का सत्यापन किया जा रहा है.
सदस्यता अभियान चलाएगी बीजेपी
बीजेपी इसके बाद बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान भी चलाएगी. जानकारी के अनुसार वार्ड स्तर पर 50 लोगों को पार्टी में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल, बीजेपी ने ‘बूथ विजय अभियान’ नाम से 23 अगस्त को अभियान को शुरू करने का लक्ष्य रखा था जिसकी शुरुआत खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करने वाले थे.
जेपी नड्डा शक्ति केंद्रों को वर्चुअल कॉन्फ़्रेन्सिंग के ज़रिए सम्बोधित करने वाले थे लेकिन पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन वजह से ये कार्यक्रम टल गया. साथ ही शोक के कारण 24 अगस्त तक बूथ सत्यापन का कार्यक्रम भी नहीं हुआ. 25 अगस्त से 31 अगस्त तक सत्यापन का कार्यक्रम दोबारा हुआ. बीजेपी की कोशिश है कि बूथ इतना मज़बूत हो कि विपक्षी दल पार्टी का क़िला न भेद पाए.