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UP: BJP का सीट शेयरिंग फॉर्मूला, अपना दल और निषाद पार्टी को मिल सकती है डेढ़ दर्जन सीटें

उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग के लेकर सहमति बनाने में जुट गई है. अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को दोबारा से बैठक होनी है. माना जा रहा है कि दोनों दलों के 15 से 17 सीट के करीब मिल सकती हैं.

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अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद
अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी में सात चरणों में वोटिंग, नतीजे 10 मार्च को
  • अपना दल (एस) को पिछली बार से ज्यादा सीटें
  • निषाद पार्टी को भी अच्छी-खासी सीटें मिल रहीं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व दोनों सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बनाने में जुट गया है. अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को दोबारा से बैठक होनी है. हालांकि, बुधवार को दोनों सहयोगी दलों के साथ एक राउंड की बैठक बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के साथ हो चुकी है. 

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सूबे में बीजेपी से लगातार ओबीसी नेताओं के छोड़ने से सहयोगी दलों की बार्गेनिंग पोजिशन बढ़ गई है. बीजेपी नेतृत्व और अमित शाह सहित कोर कमेटी के साथ बुधवार को सहयोगी दलों के साथ हुई बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई, लेकिन कोई फॉर्मूला सामने नहीं आया. ऐसे दोबारा अमित शाह दिल्ली में अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद के साथ बैठक कर सीटों के बंटवारे का अंतिम रूप देंगे. 

बीजेपी सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को अंतिम फॉर्मूले पर घोषणा से पहले अमित शाह दोनों ही सहयोगी दलों के नेता के साथ मुलाकात करेंगे. सूत्रों की मानें तो अनुप्रिया पटेल ने बीजेपी के सामने 30 से 35 के बीच सीटें मांग रखी, लेकिन15 से 17 सीटों के बीच उन्हें सीट मिल सकती है. पिछली बार अपना दल को 11 सीटें मिली थी, जिनमें से 9 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह से बीजेपी ने अपना दल को 2017 की तुलना में ज्यादा सीटें दे रही है. 

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उत्तर प्रदेश में बीजेपी के दूसरे सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद है, जिन्हें 15 से 17 सीटें मिलने की संभावना मानी जा रही है. निषाद पार्टी को गोरखपुर, संत कबीर नगर, महराजगंज, कुशीनगर, जौनपुर, सुल्तानपुर और रामपुर जिले में सीटें मिलने की संभावना है. संजय निषाद का ओबीसी के निषाद समुदाय के बीच सियासी आधार है जबकि अनुप्रिया पटेल का कुर्मी समाज के बीच. इसी सियासी समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के लिए थोक में सीट देने की रणनीति बनाई है. 

 

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