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UP Election: 'फोल्डर' के सहारे यूपी चुनाव में उतरेगी बसपा, रिजर्व सीटों पर मायावती की पैनी नजर

मायावती सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में कराए गए विकास कार्यों को बसपा जनता के बीच ले जाने का फैसला किया है और दलित वोटों पर मजबूत पकड़ बनाए रखने का प्लान बनाया है. ऐसे में मायावती की नजर यूपी में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 85 सीटों पर है, जहां इस बार वो हरहाल में जीतना चाहती हैं.

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बसपा प्रमुख मायावती
बसपा प्रमुख मायावती
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मायावती अपने विकास कार्यों को गांव-गांव पहुंचाएंगी
  • बसपा का दलित सुरक्षित सीटों पर खास फोकस

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) अपने सियासी जनाधार को वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी हैं. मायावती सरकार के दौरान सूबे में कराए गए विकास कार्यों को बसपा ने जनता के बीच ले जाने का फैसला किया है और दलित वोटों पर मजबूत पकड़ बनाए रखने का प्लान बनाया है. ऐसे में मायावती की नजर सूबे में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर है. 

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कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती ने मिशन-2022 का आगाज करते हुए पार्टी पदाधिकारियों से सभी विधानसभा सीटों पर बूथ कमेटियों को मजबूत करने का आह्वान किया था. इसी के मद्देनजर मायावती ने मंगलवार को सूबे की सभी 84 सुरक्षित सीटों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक बुलाई थी.

इस बैठक में उन्होंने सभी सुरक्षित 85 सीटों के विधानसभा अध्यक्षों को चुनावी मैदान में जुट जाने को कहा है. मायावती ने कहा कि वे सभी अपने क्षेत्र में उसी तरह से तैयारी करेंगे जिस तरह साल 2007 में की थी. 

खुद समीक्षा करेंगी मायावती

मायावती ने सुरक्षित सीटों पर जीत का परचम फहराने के लिए अपने प्रभारियों को जीत का मंत्र दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह इन सभी सीटों पर तैयारियों की खुद समीक्षा करेंगी. साथ ही पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह इन सभी सीटों पर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए समीक्षा करें और एक नया सियासी समीकरण सूबे में तैयार करें. 

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घर-घर पहुंचाए जाएंगे फोल्डर

मायावती सत्ता में वापसी के लिए  2007 से 2012 के दौरान यूपी में कराए गए विकास को सियासी हथियार बनाएंगी. मायावती ने कहा कि अपनी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक फोल्डर तैयार किया गया है जिसे कार्यकर्ता गांव-गांव तक पहुंचाएंगे. एक नई रणनीति तैयार करने को भी कहा गया है.

मायावती ने कहा कि उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों को सपा और बीजेपी अपना बताती रही है. ऐसे में लोगों तक यह जानकारी पहुंचाना बहुत जरूरी है, जिसके लिए एक फोल्डर तैयार किया गया है. इस फोल्डर में बसपा सरकार में कार्य गए कामों का लेखाजोखा है, जिन्हें घर-घर और गांव-गांव पहुंचाएंगे. 

बसपा प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी कहने से ज्यादा काम में विश्वास करती है. इसीलिए बसपा बिना किसी घोषणा पत्र के चुनाव मैदान में जाती है इस बार भी कोई घोषणा पत्र जारी नहीं होगा. मायावती ने कहा कि ऐसे में हम जनता को बताएंगे कि हमने सूबे में क्या काम किया है और सत्ता में आने पर क्या करेंगे. मायावती ने कह कि हमारा फोल्डर ही हमारा एजेंडा होगा. बसपा 2007 के चुनाव की तरह 2022 में भी परिणाम दोहराएंगे? 
 

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