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UP election: रोक के बाद मिली चंद्रशेखर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की इजाजत, शर्तों के साथ मिली परमिशन

UP election news: लखनऊ स्थित आजाद समाज पार्टी के कार्यालय में चंद्रशेखर की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सुबह 10 बजे रखी गई थी. लेकिन इससे पहले ही यहां पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने कोरोना नियमों का हवाला देते हुए इस पर रोक लगा दी. बाद में बातचीत की गई तो शर्तों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की इजाजत मिली.

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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर. -फाइल फोटो
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चंद्रशेखर ने लखनऊ में अपने पार्टी दफ्तर में की पीसी
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस को कोरोना नियमों के साथ मिली इजाजत

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी के बीच गठबंधन नहीं होने जा रहा है. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने आज लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है. 

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पुलिस ने कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ पत्रकारों को ही आने दिया जाएगा. बता दें कि शुक्रवार को सपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ी भीड़ जमा हो गई थी, जिस पर सियासी बवाल मचा हुआ है. 

आजाद समाज पार्टी दफ्तर के बाहर पुलिस

प्रेस कॉन्फ्रेंस पर क्यों लगी थी रोक?

लखनऊ स्थित आजाद समाज पार्टी के कार्यालय में चंद्रशेखर की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सुबह 10 बजे रखी गई थी. लेकिन इससे पहले ही यहां पुलिस पहुंच गई. कार्यालय प्रभारी ने बताया कि 'राष्ट्रीय अध्यक्ष जी आज गठबंधन पर और कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें रखने वाले थे. लेकिन पुलिस-प्रशासन कोविड नियमों का हवाला दे रही है. मैं इस कार्यालय का प्रभारी हूं, कोई नोटिस पुलिस की तरफ से नहीं दिया गया है. बोलने की आजादी छीनी जा रही है.'

बता दें कि शुक्रवार को लखनऊ में सपा के कार्यालय में बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. नेताओं पर एफआईआर भी दर्ज की गई है. इस बीच आज जब चंद्रशेखर सपा से गठबंधन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे थे तो उससे पहले इस पर रोक लगा दी गई है. पुलिस को आशंका थी कि कहीं यहां भी भीड़ जमा न हो जाए. इसीलिए चंद्रशेखर की पार्टी के ऑफिस पर पुलिस ने नोटिस चस्पा कर दिया और बाहर पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. बातचीत के बाद शर्तों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की परमिशन दी गई.

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सपा से गठबंधन तय

वहीं, इससे पहले आजतक से खास बातचीत में चंद्रशेकर ने बताया कि सपा से गठबंधन तय हो गया है. शर्तों के बारे में पूछे जाने पर चंद्रशेखर ने कहा कि गठबंधन का कुछ धर्म होता है, इसलिए अभी कुछ नहीं बताउंगा कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी? बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर को पहले अकेले प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी. फिर सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी.

दरअसल, भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव से मिले थे. सूत्रों के मुताबिक, भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी में गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही है. चंद्रशेखर गुरुवार को भी सपा दफ्तर पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि गठबंधन का फॉर्मूला फाइनल हो गया है. बस आधिकारिक ऐलान बाकी है. 

चंद्रशेखर आजाद ने पहले ही कहा था कि उनकी पार्टी ने तय किया है कि गठबंधन के साथ 2022 चुनाव में जाना चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि वह छोटे दलों को मिलाकर यूपी चुनाव में बीजेपी को चुनौती देंगे. 

इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया, एकता में बड़ा दम है. मजबूती और एकता के बगैर बीजेपी जैसी मायावी पार्टी को हराना आसान नहीं है. गठबंधन के अगुवा का दायित्व होता है कि वो सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का ख्याल रखें. आज यूपी में दलित वर्ग अखिलेश यादव से इस जिम्मेदारी को निभाने की अपेक्षा रखता है. 

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भीम आर्मी के साथ गठबंधन का सपा को हो सकता है फायदा

मायावती और चंद्रशेखर आजाद दलित समुदाय की एक ही जाति से आते हैं और एक ही क्षेत्र से हैं. दोनों जाटव समाज से संबंध रखते हैं. इस लिहाज से पश्चिमी यूपी में अगर सपा अपने साथ चंद्रशेखर मिलाती है तो गठबंधन में दलित समाज की भागेदारी बढ़ेगी. चंद्रशेखर के जरिए दलितों का भले ही पूरा वोट गठबंधन के साथ न आए, लेकिन हर सीट पर चार से पांच हजार वोट जरूर मिल सकता है. यह वोट सपा के लिए पश्चिमी यूपी में गेमचेंजर हो सकता है.

सपा न इन पार्टियों से किया गठबंधन

सपा ने विधानसभा चुनाव के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), अपना दल (कमेरावादी), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), महान दल, टीएमसी से गठबंधन किया है. 

यूपी में 7 चरणों में चुनाव

403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में 10 फरवरी से 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होना है. अंतिम चरण के लिए मतदान 7 मार्च को होना है. यूपी में चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे. उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा हो रहा है. ऐसे में 14 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है. 

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