
पंजाब....राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में भी राजनीतिक संकट देखने को मिल रहा है. कई विधायक नाराज बताए जा रहे हैं, सीएम कुर्सी को लेकर विवाद जारी है. इस बीच कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दे दी है. उन्हें वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया है.
सीएम बघेल को यूपी जिम्मेदारी
अब सीएम बघेल को ये जिम्मेदारी उस वक्त दी गई है जब उनके राज्य में खुद राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. सीएम कुर्सी को लेकर टीएस सिंह लगातार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. कांग्रेस हाईकमान से भी कई मौकों पर बातचीत हो चुकी है. अब ऐसे वक्त में कांग्रेस ने उन्हें यूपी चुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी है. अब बतौर वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त वे क्या करने जा रहे हैं, ये आने वाले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा.
विधायक ने दिया एकजुटता का संदेश
छत्तीसगढ़ की वर्तमान राजनीतिक स्थिति की बात करें तो 15 विधायक दिल्ली पहुंचे हुए हैं. यात्रा जरूर निजी बताई जा रही है लेकिन कांग्रेस हाईकमान और राज्य प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने की तैयारी है. नेतृत्व परिवर्तन को लेकर तमाम विधायक अभी चुप्पी साध गए हैं और फैसला हाईकमान पर छोड़ रखा है. विधायक राम कुमार यादव ने इतना जरूर कहा है कि सभी 70 विधायक एकजुट हैं और सीएम बघेल राज्य की जनता के लिए बढ़िया काम कर रहे हैं. यहां तक कहा गया कि टीएस सिंह भी उस सरकार का हिस्सा हैं और अपना योगदान दे रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में संकट, सीएम यूपी में, क्या मायने?
वहीं दूसरी तरफ सीएम बघेल लगातार अपनी दावेदारी को मजबूत करने की कोशिश में हैं. हाल ही में उन्होंने फिर साफ कर दिया कि छत्तीसगढ़ में पंजाब जैसी स्थिति नहीं होने वाली है. उनका ये कहना ही बताने के लिए काफी है कि वे अपनी सीएम कुर्सी नहीं छोड़ने वाले हैं. टीएस सिंह जरूर लगातार पुराने वादों की बात कर रहे हैं, लेकिन बघेल पूरे पांच साल के लिए खुद को ही बतौर छत्तीसगढ़ का सीएम देखते हैं.
बघेल के ये दावाे बीजेपी को छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर निशाना साधने के कई मौके दे रहे हैं. हाल ही में पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी को इस लड़ाई को समाप्त करना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री कौन है. अभी के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंदरखाने काफी कुछ चल रहा है, लेकिन बाहर माहौल को एकदम 'नॉर्मल' दिखाने का प्रयास किया जा रहा है.