scorecardresearch
 

UP Chunav: इस साल कब-कब यूपी के दौरे पर आईं प्रियंका गांधी वाड्रा? क्या रहे उसके मायने?

प्रियंका गांधी वाड्रा फिर लखनऊ में हैं. इस साल प्रियंका गांधी कई बार यूपी दौरे पर आ चुकी हैं. इस दौरान उन्होंने कई अहम बैठकें भी कीं और वोटरों को अपने साथ लाने की कोशिश भी की. प्रियंका ने इस साल कब-कब यूपी का दौरा किया और उसका क्या मकसद था. आइए जानते हैं...

Advertisement
X
प्रियंका गांधी मोर्चा संभाले हुए हैं. (फाइल फोटो-PTI)
प्रियंका गांधी मोर्चा संभाले हुए हैं. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कई बार यूपी आ चुकी हैं प्रियंका
  • चुनाव के चलते लगातार दौरे पर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) लगातार यूपी का दौरा कर रहीं हैं. वो इस साल अब तक कई बार यूपी का दौरा कर चुकी हैं. अपने दौरों के जरिए हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहीं हैं. कभी प्रयागराज में डुबकी लगाकर हिंदू वोटों को अपने साथ लाने की कोशिश करती दिख रहीं हैं तो कभी निषाद की बोट में सवार होकर निषादों को अपनी ओर लाने की कोशिश कर रहीं हैं तो कभी महिलाओं को अपने साथ जोड़ रहीं हैं. इस साल प्रियंका ने यूपी में अब तक कितने दौरे किए और उसके पीछे कांग्रेस की क्या रणनीति रही? आइए जानते हैं...

Advertisement

फरवरीः किसान, हिंदुओं, निषादों को साधने की कोशिश!

10 फरवरी को प्रियंका सकुंबर देवी के दर्शन करने पहुंचीं और सूफी संत के साथ मीटिंग की थी. बाद में वो सहारनपुर में किसान पंचायत में शामिल हुईं, जिससे ये बताने की कोशिश की गई कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है.

11 फरवरी को प्रियंका गांधी मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंचीं. इस दौरान वो मनकामेश्वर मंदिर में दर्शन करती हैं, माघ मेले में जाती हैं और समाधि स्थल भी पहुंचती हैं. इसे कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व के तौर पर दिखाने की कोशिश की गई. इसी दौरान प्रियंका ने सुजीत निषाद की बोट पर बैठकर सवारी भी की, जिसे निषाद और छोटी जातियों को साधने की शुरुआत के तौर पर देखा गया.

21 फरवरी को प्रियंका ने मछुआरों के साथ 4 घंटे बिताए थे. इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने 500 किलोमीटर की नाव यात्रा बसवार से बलिया तक शुरू की. कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव के मुताबिक, 27 फरवरी को प्रियंका पीएम मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंची थीं. यहां संत रविदास की जयंती के मौके पर उन्होंने पंगत में बैठकर खाना भी खाया था. इसे दलित और सिख वोटों को साथ लाने की कोशिश के तर पर देखा गया.

Advertisement

ये भी पढ़ें-- प्रियंका गांधी की सक्रियता के बाद भी यूपी में क्या नहीं बन पा रहा कांग्रेस का माहौल?

जुलाईः महिलाओं के सम्मान में खड़ी है कांग्रेस

16 जुलाई को प्रियंका गांधी तीन दिन के दौरे पर लखनऊ पहुंचीं. यहां उन्होंने किसानों, दलितों और कुली के साथ बैठकर उनके मुद्दों पर चर्चा की. इसी दौरान प्रियंका लखीमपुरी भी पहुंची और सपा ब्लॉक प्रमुख रहीं रितु सिंह से मुलाकात की. रितु सिंह वही हैं जिन्होंने नामांकन भरने के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. इसका एक वीडियो भी आया था जिसमें कुछ लोग रितु सिंह की साड़ी खींचते दिख रहे थे. प्रियंका ने उनके घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी. बाद में सितंबर में रितु ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. इससे ये दिखाने की कोशिश हुई कि कांग्रेस हमेशा महिलाओं के सम्मान में खड़ी है. 

तीसरे दिन प्रियंका ने रायबरेली में बैठक की और उसके बाद अमेठी में उस परिवार से भी मुलाकात की, जहां दीवार गिरने से कई लोगों की मौत हो गई थी. रायबरेली और अमेठी कांग्रेस का गढ़ रहे हैं. सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं. 

सितंबरः चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने पहुंचीं

विकास श्रीवास्तव ने बताया कि 10 सितंबर को प्रियंका तीन दिन के दौरे पर लखनऊ आईं. इस दौरान उन्होंने टिकटों के बंटवारे और चुनाव की रणनीति को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं. 27 सितंबर को प्रियंका एक बार फिर 5 दिन के दौरे पर लखनऊ आईं हैं. इस दौरान भी चुनाव की रणनीति को लेकर उन्होंने कई अहम बैठकें कीं. हालांकि, पंजाब में हुए सियासी घटनाक्रम के चलते प्रियंका ने 28 सितंबर को अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए थे. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement