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Dataganj Assembly Seat: जिसे भी चुना, जनता ने दो बार दिया मौका... इस बार क्या होगा?

दातागंज विधानसभा क्षेत्र के मतदाता 1991 के पहले हर चुनाव में विधायक बदल देते थे. 1991 से लेकर अब तक जनता ने जिसे भी अपना प्रतिनिधि चुना, उसे लगातार दो दफे विधानसभा भेजा.

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यूपी Assembly Election 2022 दातागंज विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 दातागंज विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बदायूं जिले की एक सीट है दातागंज विधानसभा
  • बीजेपी के राजीव कुमार सिंह हैं दातागंज विधायक

यूपी के बदायूं जिले की एक विधानसभा सीट है दातागंज विधानसभा सीट. दातागंज यूपी की राजधानी लखनऊ से 234 किलोमीटर और देश की राजधानी दिल्ली से 275 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. बदायूं जिला मुख्यालय से दातागंज की दूरी 30 किलोमीटर है. दातागंज में यातायात के लिए केवल सड़क मार्ग का ही विकल्प है. रेल से यात्रा के लिए दातागंज के लोगों को बदायूं रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है.

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दातागंज के लोगों की आय का मुख्य स्रोत कृषि ही है. दातागंज विधानसभा क्षेत्र के किसान मुख्य रूप से मेंथा और गन्ने की खेती करते हैं. दोनों फसलों के लिए सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ती है. रामगंगा और गंगा नदी दातागंज विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरती हैं, इसलिए यहां सिंचाई के लिए पानी की दिक्कत नहीं होती.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

दातागंज विधानसभा क्षेत्र के इतिहास की बात करें ये सीट आजादी के बाद पहले विधानसभा चुनाव से ही अस्तित्व में है. तब दातागंज साउथ कम बदायूं ईस्ट विधानसभा सीट इसका नाम हुआ करता था. 1957 में इस विधानसभा क्षेत्र का नाम दातागंज हुआ और तब से अब तक ये सीट सामान्य ही रही है. दातागंज विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो अब तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 17 में से सर्वाधिक छह दफे कांग्रेस, पांच दफे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों ने दो-दो दफे चुनावी बाजी जीती है.

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दातागंज का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय
दातागंज का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय

दातागंज विधानसभा सीट से एक दफे जनसंघ और एक ही दफे निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है. इस सीट पर 1989 तक कांग्रेस का दबदबा था लेकिन इसके बाद पार्टी दूसरे स्थान तक भी नहीं पहुंच पाई. इस सीट से 1974, 1980 और 1989 में कांग्रेस की संतोष कुमारी पाठक, 1977, 1985, 1991 और 1993 में बीजेपी के अवनीश कुमार सिंह विधायक निर्वाचित हुए. दातागंज विधानसभा सीट से 1996 और 2002 में सपा के प्रेमपाल सिंह यादव, 2007 और 2012 में बसपा के सिनोद कुमार शाक्य विधानसभा पहुंचे.

2017 का जनादेश

दातागंज विधानसभा सीट से साल 2017 में बीजेपी ने राजीव कुमार सिंह उर्फ बब्बू भैया को टिकट दिया. बीजेपी के टिकट पर उतरे राजीव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के सिनोद कुमार शाक्य को 25759 वोट के अंतर से हरा दिया था. बीजेपी के राजीव को 79,110 और बसपा के सिनोद शाक्य को 53,351 वोट मिले थे. लोक दल के कैप्टन अर्जुन सिंह 39,029 वोट के साथ तीसरे और कांग्रेस के प्रेमपाल सिंह 32,243 वोट के साथ चौथे स्थान पर रहे थे.

नगर पालिका है दातागंज
नगर पालिका है दातागंज

सामाजिक ताना-बाना

दातागंज विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो ये ये सीट यादव बाहुल्य है. यहां शाक्य के साथ ही मुस्लिम और दलित मतदाता भी चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यहां अन्य पिछड़ी जातियों और सवर्ण मतदाताओं की तादाद भी अच्छी खासी है. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख मतदाता हैं.

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विधायक का रिपोर्ट कार्ड

दातागंज विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के राजीव कुमार सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. दूसरी तरफ, विपक्षी दलों के नेता विधायक के दावे को खारिज कर रहे हैं. पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे बसपा के सिनोद शाक्य अब सपा में आ चुके हैं. चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के प्रेमपाल सिंह यादव इस समय सपा के जिलाध्यक्ष हैं. इस दफे समीकरण बदले रहेंगे ऐसे में देखना होगा कि क्या दातागंज की जनता विधायक को दो दफे मौका देने का ट्रेंड बरकरार रखती है या ये ट्रेंड इस दफे टूटेगा?

 

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