उत्तर प्रदेश के देवरिया में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद मनोज तिवारी का मोटरसाइकिल पर बैठकर भागते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मनोज तिवारी का देवरिया के बरहज इलाके में जनता विरोध कर रही है, लेकिन सच्चाई कुछ और है.
जब इस वायरल वीडियो की पड़ताल आजतक की टीम ने की तो सच कुछ और ही निकला. मनोज तिवारी का हेलिकॉटर सूर्यास्त होने की वजह से टेक ऑफ नहीं हो पाता इसलिए वह रोड शो के दौरान बीच में ही उतर कर बाइक से हेलीपैड तक पहुंचे और गोरखपुर के लिए उड़ गए. जब वह बाइक पर बैठकर हेलीपैड के लिए निकल रहे थे तो भाजपा समर्थक व भीड़ मनोज तिवारी के साथ सेल्फी लेने के लिए इस कदर उतावली थी कि पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा.
गौरतलब है कि कल बरहज में भाजपा प्रत्याशी दीपक मिश्रा उर्फ शाका के चुनाव में प्रचार करने के लिए मनोज तिवारी को तीन बजे के लगभग पहुचंना था, लेकिन मनोज तिवारी चार बजकर 45 मिनट पर एसके इंटर कॉलेज बरहज में हेलिकॉप्टर से उतरे. जहां उनका स्वागत किया गया और तुरन्त वह खुली जीप में सवार होकर रोड शो करने लगे.
मनोज तिवारी ने देरी से आने के लिए लोगों से माफी मांगी और गीत गाकर लोगों को भाजपा प्रत्याशी को वोट करने की अपील की. शाम का समय था और अंधेरा होने पर हेलिकॉप्टर नहीं उड़ पाता. इसे देखते हुए बरहज से 500 मीटर रोड शो करने के बाद एक कार्यकर्ता की गाड़ी पर बैठकर हेलीपैड के लिए निकलना चाहते थे.
तभी बीजेपी समर्थक व पब्लिक हो हल्ला करने लगी. वह उन्हें जाने नहीं देना चाह रही थी. वह उनके साथ सेल्फी लेना चाह रही थी, जिसे लेकर भीड़ शोर शराबा करने लगी लेकिन पुलिस ने बीच बचाव किया और उन्हें सकुशल बाइक से हेलीपैड तक पहुंचने में मदद की. हालांकि यह वीडियो किसी और दावे के साथ वायरल होने लगा.
भाजपा प्रत्याशी दीपक मिश्रा ने बताया कि विरोध नहीं हुआ है, समर्थक उनके साथ सेल्फी लेना चाह रहे थे और मनोजजी को देरी हो रही थी उन्हें जाना था. वहीं मौके पर मौजूद भाजपा के कार्यकर्ता अखिलेश पाण्डेय ने भी विरोध वाली बात से साफ इंकार किया और कहा कि वह भी भीड़ में थे और सेल्फी लेना चाहते थे लेकिन नहीं ले पाए।
इस मामले में बरहज थाना प्रभारी टीजे सिंह ने बताया कि कोई विरोध नहीं था, सूर्यास्त हो जाता तो हेलिकॉप्टर टेक ऑफ नहीं हो पाता इसलिए मनोज तिवारी जी बाइक से हेलीपैड तक पहुंचे क्योंकि भीड़ इस क़दर थी कि कार से हेलीपैड तक वापस जाना संभव नहीं था, उन्हें पहुंचाने में पुलिस ने मदद किया.