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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में टिकट बंटवारे को लेकर एक अलग ही सियासी उठा-पटक जारी है. एक ही विधानसभा से सुबह किसी को टिकट तो शाम को किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट देकर राजनीतिक पार्टियां चुनावी जीत का समीकरण साधने में लगी हैं. इसका उल्टा असर प्रत्याशियों में पनपे असंतोष से दिखाई दे रहा है, और वह या तो दूसरे दल या निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदने को मजबूर हो रहे हैं.
इसकी एक मिसाल शुक्रवार को देवरिया जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में देखने को मिली, जहां समाजवादी पार्टी से एक दिन बाद ही टिकट कटने के बाद प्रदीप यादव बागी बनकर निर्दलीय पर्चा दाखिल करने पहुंच गए. टिकट कटने से दुखी प्रदीप मीडिया के सामने फफक-फफककर रोने लगे और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, मेरा टिकट काटकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बहुत अन्याय किया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे 2017 में टिकट दिया और दस महीने क्षेत्र में दौड़ाकर टिकट काट लिया. इसके बाद फिर इस बार 2022 का टिकट देकर काट दिया. अब फिर अखिलेश से टिकट नहीं मांगने जाऊंगा. अब जनता के बीच में जाऊंगा और जनता बटन दबाकर फैसला करेगी. अखिलेश जी यहां आकर बटन नहीं दबाएंगे.
सपा प्रत्याशी पर दर्जनों केस का दावा
प्रदीप ने आरोप लगाया कि हिस्ट्रीशीटर राम भुवाल निषाद को सपा ने टिकट दिया है. सपा प्रत्याशी पर दर्जनों मुकदमे हैं जबकि अखिलेश जी कह रहे थे कि माफिया और अपराधियों को टिकट नहीं देंगे. सपा के बागी नेता ने चेतावनी दी कि राम भुवाल गांव में घुस नहीं पाएंगे. उनको पांचवें स्थान पर कर दूंगा. अगर नहीं किया तो अपना कुर्ता निकाल कर टांग दूंगा यानी नेतागिरी करना छोड़ दूंगा.
क्या रुद्रपुर में कोई नेता नहीं?
निर्दलीय प्रत्याशी यादव ने कहा कि उन्होंने दो सेट में नामांकन दाखिल किया है. मुझे इतना कष्ट तब नहीं हुआ, जब मेरा बेटा नदी में डूब कर मर गया था, लेकिन टिकट देकर काट दिया गया, इसका मुझे बहुत कष्ट हुआ है. 20 साल से संघर्ष किया है, जाकर जनता में पूछ लीजिए कि बीजेपी के खिलाफ कोई धरना प्रदर्शन राम भुवाल ने किया है या नहीं? यह गोरखपुर के चिल्लूपार से आकर बाहरी चुनाव लड़ेंगे, क्या रुद्रपुर में कोई नेता पैदा नहीं हुआ.
प्रदीप यादव को कोई पूछने वाला नहीं था: सपा प्रत्याशी
इस पर सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री राम भुवाल निषाद ने कहा, उन पर जनता मुहर लगा चुकी है. हम माफिया नहीं, जनसेवक हैं. जनता और समाजवादी पार्टी सब जानते हैं कि हम ही जीतेंगे. प्रदीप यादव को टिकट मिला था, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं था. इसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश को मिली, इसलिए टिकट बदल दिया गया. सपा की सरकार बनाना है, इसमें कोई मजाक की बात नहीं है कि किसी को टिकट दे दिया जाए और वह चुनाव हार कर चला आए.
एसपी से भिड़ गए
बता दें कि 9 फरवरी को सपा से टिकट लेकर प्रदीप यादव अपने विधानसभा रुद्रपुर पहुंचे तो सैकड़ों समर्थकों की भीड़ इकठा हुई थी. एसपी डॉक्टर श्रीपति मिश्रा से काफिले के दौरान सामना हुआ तो बहस हुई थी, जिसमें सपा उम्मीदवार ने अधिकारियों पर भाजपा के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया और अखिलेश सरकार आने के बाद देख लेने की धमकी दी थी. रुद्रपुर कोतवाली पुलिस ने रोक के बावजूद जुलूस निकालने के मामले में प्रदीप यादव समेत 400 अज्ञात पर अचार सहिता उल्लंघन और आपदा प्रबंधन के तहत केस दर्ज किया था.
बसपा सरकार में मंत्री रहे हैं राम भुवाल
अभी प्रदीप टिकट मिलने का जश्न मना ही रहे थे कि उनका टिकट सपा ने काटकर अगले ही दिन सपा नेता और पूर्व मंत्री राम भुवाल निषाद को टिकट देकर भेज दिया. आज राम भुवाल ने भी समाजवादी पार्टी से नामंकन दाखिल किया. राम भुवाल बसपा सरकार में मंत्री रहे हैं और पिछले 15 वर्षों से समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं.
दिलचस्प मोड़ पर चुनाव
देवरिया जिले की रुद्रपुर विधानसभा सभा सीट का चुनाव अब दिलचस्प मोड़ पर आ चला है. यहां से मौजूदा बीजेपी विधायक और पशुधन व मत्स्य राज्य मंत्री जय प्रकाश निषाद चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह टक्कर देने में लगे हैं. उधर, बरहज के विधायक सुरेश तिवारी का बीजेपी से टिकट कटा तो वह रुद्रपुर से बसपा से टिकट लेकर चुनावी जंग में कूद पड़े हैं. इसके बाद सपा ने पहले प्रदीप यादव को अपना उम्मीदवार बनाया, उसके एक ही दिन बाद टिकट काटकर जातिगत समीकरण को देखते हुए राम भुवाल निषाद को टिकट देकर इस सीट की लड़ाई को बेहद दिलचस्प बना दिया है.