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पंचायत आज तक 2021: दिनेश शर्मा का विपक्ष को चैलेंज, बताएं साढ़े 4 साल में किसानों के लिए कितने आंदोलन किए?

Panchayat Aaj Tak Uttar Pradesh 2021: उनसे जब पूछा गया कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष लखनऊ घेरने की तैयारी कर रहे हैं, तो इस पर दिनेश शर्मा ने जवाब देते हुए कहा, "सपना कोई भी देख सकता है और उसे पूरा करने के लिए आगे बढ़ सकता है. उसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि यूपी का किसान बीजेपी के कामों से खुश है." 

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पंचायत आज तक उत्तर प्रदेश 2021: दिनेश शर्मा
पंचायत आज तक उत्तर प्रदेश 2021: दिनेश शर्मा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिनेश शर्मा का विपक्ष पर हमला
  • बोले- साढ़े 4 साल घर पर ही रहते हैं

Panchayat Aaj Tak Uttar Pradesh 2021: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आज लखनऊ में 'पंचायत आजतक' का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा शामिल हुए. इसमें उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि यूपी में एक दिन भी किसान आंदोलन नहीं हुआ, क्योंकि यहां के किसानों को बीजेपी का समर्थन है. 

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उनसे जब पूछा गया कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष लखनऊ घेरने की तैयारी कर रहे हैं, तो इस पर दिनेश शर्मा ने जवाब देते हुए कहा, "सपना कोई भी देख सकता है और उसे पूरा करने के लिए आगे बढ़ सकता है. उसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि यूपी का किसान बीजेपी के कामों से खुश है." 

उन्होंने कहा, "किसानों का हमारे प्रति आकर्षण भी है क्योंकि हमने 2017 का चुनाव जीता, 2019 का चुनाव जीता, बाकी दो उपचुनाव हुए, उनमें 90% से ऊपर हमारी विजय हुई. एमएलसी के चुनाव, जिला पंचायत और ग्राम प्रमुख के चुनाव भी जीते. अगर किसान हमारी तरफ नहीं होता तो गांवों में हम कैसे जीतते? ये प्रश्न कोई किसी से नहीं पूछता."

'चुनाव के समय सारा कष्ट आ जाता है'

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दिनेश शर्मा ने आगे कहा, "हमने जो काम किया है, वो जनता के सामने है और जिन लोगों ने साढ़े 4 साल तक केवल आराम किया है, जो केवल एक धरना और प्रदर्शन में रहे." उन्होंने विपक्षी पार्टियों को चैलेंज करते हुए कहा, विपक्ष बताए कि साढ़े 4 साल में एक भी धरना दिया हो किसी मुद्दे पर. उन्होंने कहा, बताएं कि पूरे साढ़े 4 साल किसानों के मुद्दे पर आंदोलन किया हो. किसान के मुद्दे पर कोई प्रतिनिधिमंडल गया हो. साढ़े 4 साल आप नहीं बोले हैं और अब सारी वेदना, सारा कष्ट, चुनाव के समय में उजागर होकर आ रही है.

उन्होंने आगे कहा, "कुछ राजनीतिक घराने तो ऐसे हैं, जिनको विरासत में राजनीति मिली हुई है. वो तो साढ़े 4 साल, पौने 5 साल तक घर में बैठे रहते हैं या विदेशों से न्यू ईयर बनाकर जब लौटते हैं तो साढ़े 4 साल बीतते ही वो राजनीतिक पर्यटन की यात्रा पर निकल पड़ते हैं." 

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