उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है. सियासी दल सीटों के सियासी समीकरणों के अध्ययन और उन्हें साधने की जुगत में जुटे हैं. पश्चिमी यूपी के एटा जिले की एटा सदर विधानसभा सीट ऐसी सीट है जहां यादव मतदाताओं की बहुलता है फिर भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मजबूत रही है.
दिल्ली-कानपुर राजमार्ग पर स्थित एटा शहर आर्ष गुरुकुल स्थित यज्ञशाला और अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध कैलाश मंदिर के लिए जाना जाता है. एटा सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी, सपा का खेल बिगाड़ती आई है. इस विधानसभा सीट पर कभी सपा तो कभी बीजेपी, जीत का पहिया इन दो दलों के बीच घूमता रहा है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
एटा सदर विधानसभा सीट के सियासी अतीत की चर्चा करें तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस सीट से जीत को तरसती रही है. इस सीट के लिए अब तक 17 दफे विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. साल 1951 में पहली दफे हुए चुनाव में होती लाल दास विधायक चुने गए तो वहीं 1957 से 1977 तक गंगा प्रसाद वर्मा लगातार छह दफे विधायक निर्वाचित हुए.
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एटा सदर विधानसभा सीट से 1980 में कांग्रेस के कैलाश प्रसाद, 1985 में एलकेडी और 1989 में जनता दल के टिकट पर अतर सिंह यादव विजयी रहे. 1991 और 1993 में बीजेपी के प्रीतम सिंह जीते तो 1996 और 2002 में सपा के शिशुपाल सिंह यादव विजयी रहे. 2007 में प्रजा पालन ने ये सीट बीजेपी के पाले में डाल दिया तो 2012 में सपा के आशीष यादव विधायक निर्वाचित हुए.
2017 का जनादेश
एटा सदर विधानसभा सीट से बीजेपी ने छह बार विधायक रहे गंगा प्रसाद वर्मा के पुत्र विपिन वर्मा को चुनावी रणभूमि में उतारा. विपिन वर्मा ने पार्टी के भरोसे को सही साबित करते हुए ये सीट फिर से बीजेपी की झोली में डाल दी. विपिन वर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के उम्मीदवार जुगेंद्र सिंह यादव को 21 हजार से अधिक वोट के अंतर से शिकस्त दी.
सामाजिक ताना-बाना
एटा विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 23 हजार 601 वोटर हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में एटा शहर के साथ ही सकीट, मलावन जैसे ग्रामीण क्षेत्र भी आते हैं. इस सीट पर सबसे अधिक संख्या यादव मतदाताओं की है. अनुमानों के मुताबिक यादव मतदाताओं की बहुलता वाली इस सीट पर दूसरा नंबर लोधी मतदाताओं का आता है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
एटा विधानसभा सीट से विधायक विपिन वर्मा ग्रेजुएट हैं. विपिन वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल देहरादून से हुई थी. विपिन वर्मा के पिता गंगा प्रसाद वर्मा छह बार और बड़े भाई प्रजा पालन वर्मा भी बीजेपी से ही एक बार विधायक रहे हैं. विपिन वर्मा शुरू से ही बीजेपी में रहे हैं. विपिन वर्मा का कोल्ड स्टोर के व्यवसाय से भी जुड़े हैं. विपिन वर्मा का दावा है कि अपने कार्यकाल में अब तक 300 करोड़ के विकास कार्य कराए हैं. बीजेपी विधायक विपिन वर्मा मेडिकल कॉलेज और पिलुआ से लेकर मलावन तक बाईपास के निर्माण को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हैं.