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Fatehpur District Profile: साध्वी निरंजन ज्योति के क्षेत्र में 5 सीटें जीती थी बीजेपी, 1 पर अपना दल का कब्जा

फतेहपुर संसदीय सीट से साध्वी निरंजन ज्योति सांसद हैं. फतेहपुर जिले में छह विधानसभा सीटें हैं. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने छह में से पांच सीटें जीती थीं. एक सीट बीजेपी की गठबंधन सहयोगी अपना दल के खाते में गई थी.

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यूपी Assembly Election 2022 फतेहपुर जिला
यूपी Assembly Election 2022 फतेहपुर जिला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रयागराज और कानपुर के बीच बसा है फतेहपुर जिला
  • फतेहपुर में हैं 6 सीटें, यूपी सरकार में मंत्री हैं 2 विधायक

यूपी का फतेहपुर जिला गंगा और यमुना नदी के बीच बसा है. कानपुर और प्रयागराज के बीच पड़ने वाले फतेहपुर जिले ने एक प्रधानमंत्री भी दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह फतेहपुर जिले के ही थे. ये जिला कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. जिले का खागा विधानसभा क्षेत्र जिले की राजनीति का मुख्य केंद्र भी रहा है. खागा फूलपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रचार प्रसार के लिए आया करते थे. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र हरि किशन शास्त्री भी यहां से सांसद रह चुके हैं. हरि किशन शास्त्री 1984 में सांसद रहे तो वहीं 2014 से साध्वी निरंजन ज्योति सांसद रहीं. साध्वी निरंजन ज्योति केंद्र सरकार में मंत्री हैं.

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सामजिक ताना-बाना

फतेहपुर सदर विधानसभा की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग के मतदाता हैं. मुस्लिम, क्षत्रिय, ब्राह्मण मतदाता भी यहां अच्छी तादाद में हैं. खागा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा एससी वर्ग के मतदाता हैं. पटेल, अल्पसंख्यक और अन्य मतदाता भी मिश्रित संख्या में हैं. जहानाबाद विधानसभा सीट के 2017 में 1 लाख 81 हजार 500 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. जातीय समीकरण की बात की जाए तो इस सीट पर सबसे ज्यादा कुर्मी, निषाद, ब्राह्मण, मुस्लिम मतदाता हैं.

हुसैनगंज विधानसभा सीट की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाता हैं. उसके बाद मौर्य, यादव, लोधी मतदाताओं का नंबर आता है. अयाह शाह विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा निषाद, लोधी, पाल, प्रजापति मतदाता हैं. बिंदकी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा क्षत्रिय मतदाता हैं. इस सीट पर अल्पसंख्यक और कुर्मी वर्ग के लोगों की संख्या लगभग बराबर है.

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आर्थिक ताना-बाना

फतेहपुर का विकास जितना होना चाहिए था, उतना नहीं हो पाया. 1984 में जब लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र हरि किशन शास्त्री फतेहपुर से सांसद निर्वाचित हुए तब उन्होंने मलवां और चौडगरा औद्योगिक क्षेत्र में तमाम उद्योग लगवाए. हरिकिशन शास्त्री के प्रयासों से स्थापित उद्योग काफी समय तक संचालित रहे लेकिन समय के साथ बंद हो गए.

2017 का जनादेश

फतेहपुर जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से पांच सीटों पर 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार जीते. एक सीट पर बीजेपी के ही गठबंधन सहयोगी अपना दल का कब्जा है. जिले के दो विधायक- जय कुमार सिंह जैकी और रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं. जय कुमार जहानाबाद विधानसभा सीट से अपना दल के विधायक हैं तो रणवेंद्र हुसैनगंज सीट से बीजेपी के.

फतेहपुर सदर विधानसभा सीट से बीजेपी के विक्रम सिंह ने सपा के चंद्र प्रकाश लोधी को हरा दिया. खागा विधानसभा सीट से बीजेपी के कृष्णा पासवान ने कांग्रेस के ओम प्रकाश गिहार को 38 हजार से अधिक वोट से हराया. जहानाबाद विधानसभा सीट से अपना दल के जय कुमार सिंह जैकी ने सपा के मदन गोपाल वर्मा को हराया.

हुसैनगंज विधानसभा सीट से बीजेपी के रणवेंद्र प्रताप सिंह विजयी रहे थे. अयाह शाह विधानसभा सीट से बीजेपी के विकास गुप्ता ने चार बार के विधायक पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल को हरा दिया. बिंदकी में बीजेपी के करण सिंह पटेल ने सपा के रामेश्वर दयालू को 41 हजार से अधिक वोट के अंतर शिकस्त दी. बसपा के सुखदेव वर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे.

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जिले की बड़ी राजनीतिक हस्तियां

फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति सांसद हैं. 2014 से फतेहपुर की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं. जिले के दो विधायक जय कुमार सिंह जैकी और रणवेंद्र सिंह सूबे की सरकार में राज्यमंत्री हैं.

(रिपोर्ट- नितेश श्रीवास्तव)

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