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Firozabad Assembly Seat: 'चूड़ी नगरी' से जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे बीजेपी के मनीष असीजा?

फिरोजाबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार से लेकर बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस तक, हर किसी को विधानसभा में अपनी नुमाइंदगी का मौका दिया है.

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यूपी Assembly Election 2022 फिरोजाबाद विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 फिरोजाबाद विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2012 से विधायक हैं बीजेपी के मनीष असीजा
  • 2 बार सपा, 3 बार जीते हैं बीजेपी के उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर. इस शहर की पहचान हैं चूड़ियां. फिरोजाबाद शहर, फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट में आता है. इस विधानसभा क्षेत्र में कांच के छोटे-बड़े 450 कारखाने हैं जहां कांच की चूड़ियों के साथ ही विभिन्न तरह की कांच की वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है. फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट पर चुनाव की बात करें तो मुकाबला त्रिकोणीय रहा है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो समाजवादी पार्टी (सपा) को दो और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को यहां तीन बार जीत मिली है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के उम्मीदवार भी एक-एक बार विजयी रहे हैं. फिरोजाबाद विधानसभा सीट से 1957 में निर्दलीय जगन्नाथ लहरी, 1962 में रिपब्लिक पार्टी के भगवान दास, 1967 में निर्दलीय राजा राम, 1974 में इंडियन मुस्लिम लीग के मोहम्मद अयूब, 1977 में जनता पार्टी के अब्दुल अलीम, 1980 में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद विधायक रहे.

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फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट से 1985 और 1989 में जनता पार्टी के रघुवर दयाल वर्मा, 1991 में बीजेपी के रामकिशन ददाजू, 1993 में सपा के नसीरुद्दीन सिद्दीकी, 1996 और 2002 में सपा के अजीम भाई, 2007 में बसपा के नसीरुद्दीन सिद्दीकी, 2012 में बीजेपी के मनीष असीजा विधानसभा पहुंचने में सफल रहे.

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2017 का जनादेश

फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट से बीजेपी ने 2017 में भी मनीष असीजा को चुनाव मैदान में उतारा. मनीष ने 2,017 में भी इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा. बीजेपी के मनीष असीजा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के अजीम भाई को 41 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. बसपा के खालिद नसीर 51,387 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

सामाजिक ताना-बाना

फिरोजाबाद विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनाव में जाति का फैक्टर निष्प्रभावी नजर आया है. मनीष असीजा की बिरादरी के महज 500 वोटर हैं लेकिन वे लगातार दूसरी दफे विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे. जातिगत समीकरणों की बात करें तो फिरोजाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में अनुमान के मुताबिक करीब 22 फीसदी मुस्लिम, 35 फीसदी सवर्ण, 20 फीसदी दलित वोटर हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट से विधायक मनीष असीजा अपने करीब 10 साल के कार्यकाल में विकास का दावा कर रहे हैं. यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज खुला है लेकिन कई समस्याएं अब भी जस की तस हैं. इनमें पानी और बिजली प्रमुख हैं. बीजेपी के लोगों का दावा है कि जेडा झील परियोजना से शहर में पानी की समस्या खत्म हो गई है. बिजली की 22 घंटे आपूर्ति की जा रही है. फिरोजाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में रोडवेज बस डिपो तक नहीं है. परंपरागत रूप से फिरोजाबाद के आसपास देहात में चूड़ी उद्योग से जुड़े श्रमिकों की संख्या एक लाख से अधिक है. फिरोजाबाद शहर में हर तीसरा शख्स चूड़ी के कारोबार से जुड़ा है.

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