उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट है हापुड़ विधानसभा सीट. हापुड़ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. इस विधानसभा सीट के लिए सात चरणों में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में यानी 10 फरवरी को मतदान होना है. हापुड़ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से करीब 60 किलोमीटर दूर है. ये क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
हापुड़ विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इस विधानसभा सीट से सबसे ज्यादा आठ दफे कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता गजराज सिंह चार बार विधायक रहे हैं. इस विधानसभा सीट की जनता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार को भी विधानसभा में अपने प्रतिनिधित्व का मौका दिया है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) को एक दफे भी जीत नसीब नहीं हुई है.
हापुड़ विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो साल 2002 में बसपा के धर्मपाल चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 2007 में भी हापुड़ सीट पर बसपा के धर्मपाल ने अपना कब्जा बरकरार रखा. 2012 में कांग्रेस के गजराज सिंह ने धर्मपाल सिंह के लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के मंसूबों पर पानी फेर दिया. 2012 में कांग्रेस के टिकट पर गजराज सिंह जीते.
हापुड़ विधानसभा सीट
हापुड़ विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने निवर्तमान विधायक गजराज सिंह को ही चुनाव मैदान में उतारा. कांग्रेस के गजराज के सामने बीजेपी के विजय पाल आढ़ती, बसपा के श्रीपाल और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की अंजू उर्फ मुस्कान की चुनौती थी. 2017 के चुनाव में विजय पाल आढ़ती ने कांग्रेस के गजराज को 15009 वोट के अंतर से हरा दिया था. बसपा के श्रीपाल तीसरे और आरएलडी की अंजू चौथे स्थान पर रही थीं.
सामाजिक ताना-बाना
हापुड़ विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की तादाद अधिक है. ब्राह्मण, राजपूत और जाट मतदाता भी हापुड़ विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
हापुड़ विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के विजय पाल आढ़ती का दावा है कि उनके कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र के हर इलाके का विकास हुआ है. विजयपाल आढ़ती के दावे को अन्य दलों के उम्मीदवार खोखला बता रहे हैं. इस बार की चुनावी रणभूमि में बीजेपी ने फिर से विजय पाल आढ़ती को उतार दिया है. बीजेपी के विजय पाल के मुकाबले कांग्रेस ने भावना वाल्मीकि, सपा और आरएलडी गठबंधन ने गजराज सिंह, बसपा ने मनीष सिंह को उम्मीदवार बनाया है.