यूपी के अलीगढ़ जिले की सुरक्षित सीट है इगलास विधानसभा सीट. इगलास विधानसभा क्षेत्र अलीगढ़ और मथुरा जिले की सीमा पर स्थित है. इगलास के बाद मथुरा की सीमा शुरू हो जाती है. अलीगढ़ की इगलास विधानसभा सीट हाथरस लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के परिवार का इगलास विधानसभा क्षेत्र से भावनात्मक जुड़ाव रहा है और इसीलिए अलीगढ़ की इगलास विधानसभा सीट को मिनी छपरौली भी कहा जाता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इगलास विधानसभा सीट के सियासी अतीत की चर्चा करें तो ये अलीगढ़ जिले की महत्वपूर्ण सीट है. इगलास सीट से ही किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी और बेटी ज्ञानवती ने विधानसभा चुनाव जीता था. इस क्षेत्र से चौधरी चरण सिंह के परिवार का खासा लगाव रहा है. इगलास विधानसभा सीट से 2012 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजवीर सिंह दिलेर जीते थे.
2017 का जनादेश
इगलास विधानसभा सीट से बीजेपी के राजवीर सिंह दिलेर 2017 में भी विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. राजवीर सिंह दिलेर को 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हाथरस सीट से उम्मीदवार बना दिया. राजवीर सांसद बन गए तब उनके इस्तीफे से रिक्त हुई इगलास सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के राज कुमार सहयोगी विधायक निर्वाचित हुए.
सामाजिक ताना-बाना
इगलास विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इसकी गिनती जाट बाहुल्य विधानसभा सीटों में होती है. अनुमानों के मुताबिक इस इलाके में सबसे अधिक जाट मतदाता हैं. जाट के बाद ब्राह्मण, बघेल, ठाकुर, जाटव और दिवाकर समाज के मतदाता भी इगलास विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
इगलास विधानसभा सीट से विधायक राजकुमार सहयोगी का जन्म अलीगढ़ में हुआ था. राज कुमार सहयोगी बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं. सहयोगी ने पहली दफे इगलास विधानसभा सीट से उपचुनाव में किस्मत आजमाई और सफल रहे. इगलास विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के राज कुमार सहयोगी का दावा है कि उन्होंने राजवीर सिंह दिलेर के कार्यों को आगे बढ़ाया है. इलाके के चहुंमुखी विकास का प्रयास किया है. विपक्षी दलों के नेता विधायक को फेल बता रहे हैं.