यूपी की सियासी पिच 2022 के टूर्नामेंट के लिए तैयार हो गई है. इस बीच सोमवार को 'पंचायत आजतक लखनऊ' कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी भी शामिल हुए. जयंत चौधरी ने कहा कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही उन्होंने डिप्टी सीएम के पद की मांग की है.
बता दें कि जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी और अखिलेश यादव की पार्टी सपा इस बार मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
आजतक से खास बातचीत में जयंत चौधरी ने पश्चिमी यूपी के हालात पर भी खुलकर बात की. जयंत ने मुजफ्फरनगर के दंगों का हवाला देते हुए कहा, ''हिंदू और मुसलमान के बीच खाई थी, वो अब दूर हो गई. दूर इसलिए हुई क्योंकि दोनों ही वर्ग ने खोया है. किसी ने कुछ हासिल नहीं किया. चुनिंदा लोग होते हैं जो इस तरह की चीज चाहते हैं और लाभ उठाने चाहते हैं. जिनकी सरकार आई है, स्पष्ट बहुमत जिनको मिला है, कहीं न कहीं दंगों का राजनीतिक लाभ उनको मिला है. लोग इसे देख रहे हैं.''
ध्रुवीकरण बना हार का कारण
पिछले चुनाव में RLD का ग्राफ क्यों नीचे गया, इस सवाल के जवाब में जयंत ने कहा, ''कुछ घटनाएं ऐसी थीं जिसके सबकुछ तहस-नहस हो गया. हमारे क्षेत्र की सामाजिक व्यवस्था बिगड़ गई. उसका असर राजनीति पर भी पड़ा. ध्रुवीकरण की राजनीति हुई. सब मुद्दे भुलाकर लोगों को बताया गया कि आपको इनका इलाज करना है, एक तनाव पैदा किया गया. दंगा हुआ. उसका असर पड़ा. 2022 के चुनाव में कैसे हालात बदलेंगे, इस सवाल पर जयंत ने कहा कि अब हमने भाईचारा जिंदाबादा का नारा देकर कार्यक्रम किए हैं. इन कार्यक्रमों में लोग आए हैं और अब दूरियां नहीं बची हैं.
जयंत ने कहा कि मुजफ्फरनगर का बच्चा जब बाहर पढ़ने जाता था तो उसे जज किया जाता था लेकिन अब युवा नई सोच लेकर चलना चाहता है वो हिंदू मुसलमान के झगड़े में नहीं पड़ना चाहता.
वहीं, मौजूदा योगी सरकार के कामकाज पर जयंत ने कहा कि ''मुझे अटपटा लगता है जब सरकार से उपलब्धियों के बारे में पूछा जाता है तो वो सिर्फ मंदिर-मंदिर गाते हैं. वो किसी विश्विद्यालय का नाम नहीं गिना सकते. बेरोजगार युवाओं की भर्ती के लिए कुछ नहीं किया गया है.''
डिप्टी CM को लेकर क्या बोले
जयंत चौधरी ने कहा कि चुनाव लड़ने की मेरी इच्छा नहीं है क्योंकि मैं चाहता हूं कि हर विधानसभा में पार्टी और गठबंधन के लिए काम करूं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि डिप्टी सीएम के पद की भी मांग उन्होंने नहीं की है.
जयंत ने कहा कि वो अपनी पार्टी के ज्यादा से ज्यादा विधायक बनाना चाहते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर हम सोचें कि विपक्ष की क्या भूमिका होनी चाहिए, 2024 के लिए विपक्ष के साथ मिलकर रणनीति बनाएं.