यूपी के प्रयागराज जिले की एक विधानसभा सीट है करछना विधानसभा सीट. करछना विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी (सपा) का गढ़ माना जाता है. करछना सपा के कद्दावर रेवती रमण सिंह का गढ़ है. इस इलाके में किसान और मजदूर बड़ी संख्या में रहते हैं. इस क्षेत्र में गेहूं, चावल, आलू की पैदावार अधिक होती है. इसी इलाके में सोमेश्वर महादेव का पुराना मंदिर भी है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
करछना विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इस सीट पर सपा का दबदबा लंबे समय से है. प्रयागराज के दो बाद बार सांसद रहे कुंवर रेवती रमण सिंह 1974 में इस सीट से पहली दफे विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे और इसके बाद आठ बार करछना सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. रेवती रमण सिंह के सांसद निर्वाचित होने के बाद 2007 में बसपा के आनंद कुमार और 2012 में बसपा के ही दीपक पटेल विधायक बने. दोनों ही चुनाव में रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह को हार का सामना करना पड़ा. करछना विधानसभा सीट यूपी की उन सीटों में से एक है जहां अपनी स्थापना के बाद से अब तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कमल नहीं खिला पाई है.
2017 का जनादेश
करछना विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने फिर से रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्ज्वल रमण सिंह को ही चुनाव मैदान में उतारा. लगातार दो चुनाव में शिकस्त खाने वाले सपा के उज्ज्वल रमण सिंह ने इस बार पार्टी के भरोसे को सही साबित किया. बीजेपी की लहर के बावजूद उज्ज्वल रमण चुनावी बाजी जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे.
सामाजिक ताना-बाना
करछना विधानसभा सीट के सामाजिक ताना-बाना की बात करें तो यहां किसान-मजदूर अधिक हैं. ज्यादातर लोग यहां खेती और मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल करीब तीन लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के मतदाता हैं. सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
करछना विधानसभा सीट से विधायक सपा के उज्ज्वल रमण सिंह की उम्र 49 साल है. उज्ज्वल रमण सिंह ने बीए-एलएलबी किया है. उज्ज्वल रमण अपने कार्यकाल के दौरान विधायक निधि की पूरी राशि खर्च करने का दावा किया और कहा कि विकास हुआ है. उज्ज्वल रमण सिंह ने सरकार पर विकास कार्यों में सहयोग न करने का आरोप भी लगाया है.