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Karhal Assembly Seat: 1989 से हैं समाजवादी दबदबा, 2002 में जीती थी बीजेपी... इस बार क्या होगा?

करहल विधानसभा सीट पर 1989 से ही समाजवादी दबदबा रहा है. साल 2002 के विधानसभा चुनाव में करहल सीट से बीजेपी के टिकट पर सोवरन सिंह को जीत मिली थी जो बाद में सपा में शामिल हो गए थे.

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यूपी Assembly Election 2022 करहल विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 करहल विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सपा के सोवरन सिंह यादव हैं करहल से विधायक
  • करहल सीट से सात बार जीते हैं समाजवादी उम्मीदवार

यूपी के मैनपुरी जिले की एक विधानसभा सीट है करहल विधानसभा सीट. यहां से ऐतिहासिक मोटामल मंदिर से महाराजा पृथ्वीराज चौहान का जुड़ाव रहा है. पृथ्वीराज चौहान कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी संयोगिता से प्रेम करते थे. कन्नौज के राजा जयचंद ने जब अपनी बेटी संयोगिता के विवाह लिए स्वयंवर का आयोजन किया तो पृथ्वीराज को छोड़कर देश के तमाम राजा बुलाए गए थे. निमंत्रण ना मिलने से नाराज महाराजा पृथ्वीराज ने अपने प्रेम को पाने के लिए कन्नौज पर चढ़ाई कर दी.

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पृथ्वीराज चौहान स्वयंवर स्थल से संयोगिता को लेकर दिल्ली ले जाने लगे तब जयचंद की सेना ने पृथ्वीराज को घेर लिया. पृथ्वीराज के सेनापति मोटामल ने उन्हें और संयोगिता को दिल्ली के लिए रवाना कर दिया था. भीषण युद्व में मोटामल शहीद हो गए थे. मोटामल की मौत से दुखी पृथ्वीराज ने मोटामल की स्मृति में करहल में मंदिर बनवाया था. तब करहल का नाम करील था. इसके अलावा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने करहल के जैन इंटर कॉलेज से ही शिक्षा ग्रहण की थी और वे यहां पर शिक्षक भी रहे. करहल मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) का सात बार कब्जा रहा है. इस विधासभा सीट से 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के बाबूराम यादव, 1989 और 1991 में समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) और 1993, 1996 में सपा के टिकट पर बाबूराम यादव विधायक निर्वाचित हुए. 2000 के उपचुनाव में सपा के अनिल यादव, 2002 में बीजेपी और 2007, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर सोवरन सिंह यादव विधायक चुने गए.

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सोवरन सिंह यादव
सोवरन सिंह यादव

2017 का जनादेश

करहल विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में सपा ने सोवरन सिंह यादव पर ही भरोसा जताया. सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे सोवरन सिंह यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रमा शाक्य को 40 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी.

रमा शाक्य
रमा शाक्य

सामाजिक ताना-बाना

करहल विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. अनुमान के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की बहुलता है. शाक्य, ठाकुर, ब्राह्मण, लोधी और एससी मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. करहल विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

करहल विधानसभा सीट से सपा के विधायक सोवरन सिंह यादव स्नातक हैं. वे करहल कस्बे के ही रहने वाले हैं. लगातार चार बार के विधायक सोवरन सिंह यादव का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र का चातुर्दिक विकास हुआ है.

 

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