फतेहपुर की खागा विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस का डंका बजा करता था. फूलपुर लोकसभा सीट में होने के कारण देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू खागा विधानसभा सीट पर प्रचार करने आते थे. हालांकि भाजपा भी यहां तीन बार अपना परचम लहरा चुकी है. फतेहपुर जिले की खागा विधानसभा सीट गंगा और यमुना नदी के तटीय इलाके से जुड़ी है. इस क्षेत्र ने कई क्रांतिकारियों को जन्म दिया, इनमें क्रांतिकारी अमर शहीद दरियाव सिंह हैं, जिन्होंने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी जिले के दो क्रांतिकारी अमर शहीद जोधा सिंह अटैया व ठाकुर दरियाव सिंह के नाम से मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण कर चुके हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह खागा विधानसभा क्षेत्र जिले की राजनीति का मुख्य केंद्र भी रहा है. इस सीट से सबसे पहले जन संघ से रक्षपाल सिंह ने वर्ष 1962 में जीत दर्ज की थी. इस सीट पर सबसे ज्यादा चार बार कांग्रेस का कब्ज़ा रहा. जबकि वर्ष 2007 से यह सीट भाजपा की पकड़ में है. पहली बार वर्ष 2007 में इस सीट से रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ धुन्नी सिंह ने भाजपा को जीत दिलाई थी. फिर साल 2012 और 2017 में भी यह सीट भाजपा के खाते में आई. इस सुरक्षित सीट से लगातार दो बार से भाजपा से कृष्णा पासवान विधायक हैं.
2017 का जनादेश
2017 विधानसभा चुनाव में सदर विधानसभा सीट पर कुल 6 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और बसपा के बीच रहा. खागा विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 83 हजार 240 मतदाता हैं, इसमें 1 लाख 73 हजार 149 पुरुष मतदाता, 1 लाख 45 हजार 705 महिला मतदाता व 4267 युवा मतदाता हैं. पिछले चुनाव में कुल 1 लाख 84 हजार 607 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. जिसमें 3801 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया. इस सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कृष्णा पासवान को सबसे ज्यादा 94 हजार 954 वोट मिले. दूसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश गिहार रहे. उन्हें 38 हजार 520 वोट मिले. वहीं तीसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी सुनील कुमार को 38 हजार 359 वोट मिले. भाजपा प्रत्याशी कृष्णा पासवान 56 हजार 434 वोटों से जीती थीं.
सामाजिक ताना-बाना
फतेहपुर जिले की खागा विधानसभा सीट के लिए 2017 में हुए चुनाव में 1 लाख 84 हजार 607 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. अगर जातीय समीकरण की बात करें, तो इस सीट पर सबसे ज्यादा एससी वर्ग के मतदाता हैं. फिर उसके बाद ओबीसी, फिर उसके बाद अल्पसंख्यक व मिश्रित मतदाता हैं. इस सीट पर एससी और ओबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
खागा विधानसभा सीट से विधायक कृष्णा पासवान का जन्म 01 जनवरी 1963 को जिले के सदर तहसील क्षेत्र के असोथर ब्लॉक के पिलखिनी गांव में हुआ था. इनकी शिक्षा हाईस्कूल तक की रही. फिर राजनीति सफर शुरू हुआ. जिले के किशनपुर विधानसभा सीट से पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर बसपा प्रत्यासी मुरलीधर गौतम को हराया. 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी मुरलीधर गौतम ने भाजपा प्रत्याशी कृष्णा पासवान को मात दी. वर्ष 2012 में खागा सुरक्षित विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर कृष्णा पासवान पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा. इस चुनाव में वह सपा प्रत्याशी को हराकर दोबारा विधायक बनीं. फिर भाजपा ने वर्ष 2017 में कृष्णा पासवान को टिकट दिया. जिसमें उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश गिहार को हराया.
(रिपोर्ट- नितेश श्रीवास्तव)