पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की एक तहसील है खजनी. खजनी, राजेसुल्तानपुर-गोरखपुर मार्ग पर गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये जगह पहलवान ब्रह्मदेव मिश्र की वजह से भी प्रसिद्ध है. ब्रह्मदेव मिश्र खजनी के ही थे. 325 खजनी विधानसभा सीट पर इस समय सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा है.
खजनी विधानसभा क्षेत्र में खजनी तहसील है तो खजनी थाना भी. खजनी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है. शिक्षण सुविधाओं की दृष्टि से भी ये क्षेत्र काफी समृद्ध है. खजनी में प्राथमिक से लेकर महाविद्यालय तक की सुविधा उपलब्ध है. खजनी जूनियर हाईस्कूल है तो गणेश पांडेय इंटर कॉलेज कटघर, द्रौपदी देवी त्रिपाठी डिग्री कॉलेज, आदर्श इंटर कॉलेज हरदी चक भी हैं. भरोहिया का प्राचीन शिव मंदिर और कोटही माता का मंदिर आस्था का केंद्र हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल 2012 से ये सीट बीजेपी के कब्जे में है. बीजेपी के उम्मीदवार संत प्रसाद ने 2012 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के राम समूह को 9438 वोट के अंतर से हरा दिया था. संत प्रसाद को 57920 वोट मिले थे. बीएसपी के राम समूह 48484 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. गोरखपुर जिले की इस सीट पर भी गोरखनाथ मंदिर का प्रभाव नजर आता है.
वर्तमान में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संत प्रसाद की है, जिन्होंने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार को 20,079 भारी मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल किया था
2017 का जनादेश
गोरखपुर जिले की 325, खजनी विधानसभा सीट से बीजेपी के संत प्रसाद विधायक हैं. संत प्रसाद ने 2017 के चुनाव में बीएसपी के उम्मीदवार राजकुमार को 20 हजार से अधिक वोट के अंतर से हरा दिया था. खजनी सीट पर कुल 1 लाख 87 हजार 798 वैध वोट पड़े थे. बीजेपी के संत प्रसाद को 71492 वोट मिले थे. राजकुमार को 51413 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
गोरखपुर के खजनी विधानसभा क्षेत्र में आंकड़ों के मुताबिक (साल 2011) तीन लाख 64 हजार 495 वोटर हैं. जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के वोटर हैं. यहां दलित मतदाताओं की तादाद सबसे अधिक है. खजनी सीट पर अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. यहां बहुजन समाज पार्टी भी मजबूत रही है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
खजनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संत प्रसाद का जन्म 3 फरवरी 1954 को हुआ था. इनकी पत्नी का नाम किस्मत देवी है. संत प्रसाद और किस्मत देवी के तीन बेटे और एक बेटी है. संत प्रसाद कृषि, पशुपालन में विशेष रुचि रखते हैं. ये आध्यात्मिक विचार के हैं. इनका मुख्य व्यवसाय कृषि है. संत प्रसाद साफ-सुथरी छवि के नेता हैं. इनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है.