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Loni Assembly Seat: बीजेपी के नंदकिशोर गुर्जर हैं विधायक, फिर खिल पाएगा कमल?

लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी के नंदकिशोर गुर्जर विधायक हैं. बीजेपी ने इस बार भी नंदकिशोर गुर्जर पर ही दांव लगाया है. सपा-आरएलडी गठबंधन ने मदन भैया को उम्मीदवार बनाया है.

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यूपी Assembly Election 2022 लोनी विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 लोनी विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गाजियाबाद की लोनी सीट पर है बीजेपी का कब्जा
  • नई सीट से 2012 में जीता था बसपा का उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की एक विधानसभा सीट है लोनी विधानसभा सीट. गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट के लिए सात चरणों में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है. लोनी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने निवर्तमान विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर ही दांव लगाया है. समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के गठबंधन से मदन भैया, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाजी आकिल और कांग्रेस से यामीन मलिक चुनाव मैदान में हैं.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

लोनी विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. इस नई-नवेली सीट के लिए 2012 में पहली दफे विधानसभा चुनाव हुए थे. लोनी विधानसभा सीट से पहले यानी साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर हाजी जाकिर अली को जीत मिली थी.

2017 का जनादेश

लोनी विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नंदकिशोर गुर्जर को टिकट दिया था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे नंदकिशोर गुर्जर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के जाकिर अली को करीब 40 हजार वोट से हरा दिया था. आरएलडी के उम्मीदवार मदन भैया तीसरे स्थान पर रहे थे.

सामाजिक ताना-बाना

लोनी विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस इलाके में करीब साढ़े चार लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा सीट की गिनती मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीट में होती है. इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम तय करने में गुर्जर, ब्राह्मण, त्यागी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में दलित, वैश्य, गढ़वाली, पूर्वांचली मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.

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विधायक का रिपोर्ट कार्ड

लोनी सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर का दावा है कि उनके कार्यकाल में करोड़ों रुपये की लागत से सड़कों का निर्माण कराया गया है. विधायक इलाके के चहुंमुखी विकास का दावा कर रहे हैं तो वहीं विरोधी उम्मीदवार उनके दावे को हवा-हवाई बताते हुए विकास के मसले पर घेर रहे हैं. जनता का फैसला तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चलेगा.

 

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