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Mau Sadar Assembly Seat: क्या मुख्तार अंसारी बचा पाएंगे अपना किला?

मऊ सदर विधानसभा सीट मुख्तार अंसारी का गढ़ रही है. साल 2002 से ही इस सीट पर मुख्तार अंसारी का कब्जा है. हालांकि, पिछले चुनाव में उन्हें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार ने कड़ी टक्कर दी थी.

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यूपी Assembly Election 2022 मऊ सदर विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 मऊ सदर विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मऊ सदर सीट से विधायक हैं मुख्तार अंसारी
  • 2002 से लगातार जीत रहे हैं मुख्तार अंसारी

पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की एक विधानसभा सीट है मऊ सदर विधानसभा सीट. मऊ सदर विधानसभा सीट बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की वजह से भी चर्चा में रहती है. मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से ही विधायक हैं. मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र मुख्तार अंसारी का मजबूत गढ़ है. मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार चार बार से विधायक हैं.

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मऊ सदर विधानसभा सीट मऊ के जिला मुख्यालय, शहरी इहलाके को कवर करती है. मऊ सदर विधानसभा सीट के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर बुनकर और किसान रहते हैं. बुनकर बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण इसे बुनकरों का शहर भी कहा जाता है. यहां के बुनकरों का मुख्य व्यवसाय साड़ी उद्योग है. मऊ सदर विधानसभा सीट को मुख्तार अंसारी का मजबूत गढ़ माना जाता है. मुख्तार अंसारी साल 2002 से मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वे लगातार चार बार से मऊ सदर सीट से विधायक हैं.

2017 के चुनाव का जनादेश

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के उम्मीदवार महेंद्र राजभर ने कड़ी टक्कर दी थी. कड़े मुकाबले में मुख्तार अंसारी ने महेंद्र राजभर को 8698 वोट के अंतर से हरा दिया था. पिछले चुनाव में मुख्तार अंसारी अपनी पार्टी कौमी एकता दल का बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में विलय कर हाथी निशान पर चुनाव मैदान में उतरे थे.

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मऊ सदर सीट का चुनावी अतीत

मऊ जिले की 356 मऊ सदर विधान सभा सीट से मुख्तार अंसारी विधायक हैं. इस सीट पर साल 2002 से ही मुख्तार अंसारी का काबिज हैं. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी साल 2012 में बसपा के भीम राजभर को हराया था. तब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. बीजेपी चौथे स्थान पर रही थी. 2007 के चुनाव में बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे मुख्तार ने बसपा के विजय प्रताप को हराया था.

मऊ सदर का सामाजिक ताना-बाना

मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक अनुसूचित जाति के वोटर हैं. इसके बाद मुस्लिम मतदाता अच्छी तादाद में हैं. यादव, चौहान और राजभर वोटर भी अच्छी तादाद में हैं. मल्लाह और राजपूत वोटर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जेल में रहते हुए मुख्तार की 2017 की चुनावी जीत लगातार तीसरी जीत थी. मुख्तार अंसारी को हर जाति-वर्ग में वोट मिलता है.

विविध

मुख्तार अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहे थे. मुख्तार अंसारी के नाना मोहम्मद उस्मान 1947 की लड़ाई में शहीद हुए थे जिन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया था. 30 जून 1963 को गाजीपुर जिले में जन्में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से इस समय सांसद हैं.

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