यूपी के बुंदेलखंड इलाके में आने वाले झांसी जिले की एक विधानसभा सीट है मऊरानीपुर विधानसभा सीट. मऊरानीपुर तहसील भी है. यहां का मुख्य व्यवसाय वस्त्र उत्पादन था जो अब लगभग बंद हो गया है. यहां के रानीपुर टेरिकोट ने देश मे अलग पहचान बनाई थी. स्वतंत्रता आंदोलन में झांसी जिले को सबसे ज्यादा स्वतंत्रता सेनानी भी मऊरानीपुर क्षेत्र ने ही दिए हैं. प्राचीन समय में मधुपुरी नाम से विख्यात रहे इस इलाके को अब मऊरानीपुर नाम से जाना जाता है.
मऊरानीपुर को उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील होने का तमगा भी हासिल है. इस विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या प्रमुख है. मऊरानीपुर को जिला बनाने की मांग भी यहां के लोग करते रहे हैं. मऊरानीपुर ऐसी विधानसभा सीट है जिसने बुंदेलखंड में कांग्रेस की कद्दावर नेता बेनीबाई को जन्म देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. कांग्रेस के अधिवेशन में फिरोज गांधी मऊरानीपुर आए थे और इसका संचालन अध्यापिका बेनीबाई ने किया था जो दलित बिरादरी से आती थीं.
फिरोज गांधी ने तब मंच से ही कहा था कि बेनीबाई में बड़े नेता की छवि दिखती है, इन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जाए. बेनीबाई को कांग्रेस का सदस्य तो बनाया ही गया, उन्हें आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का आजीवन सदस्य भी घोषित किया गया. बेनीबाई ने जितनी भी दफे कांग्रेस से टिकट मांगा, उन्हें उम्मीदवार बनाया गया.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मऊरानीपुर विधानसभा सीट से साल 1957, 1962, 1967 और 1979 कांग्रेस की बेनीबाई विधायक निर्वाचित हुईं. 1979 में जनसंघ के प्रेम नारायण ने बेनीबाई को करीबी अंतर से हरा दिया था. 1980 और 1985 में कांग्रेस के भागीरथ चौधरी, 1989 और 1991 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रागीलाल विधायक चुने गए तो 1993 और 1996 में कांग्रेस के बिहारी लाल. 2002 में बीजेपी के प्रागीलाल, 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भगवती सागर और 2012 में सपा की डॉक्टर रश्मि आर्य विधायक निर्वाचित हुईं.
2017 का जनादेश
मऊरानीपुर विधानसभा सीट से साल 2017 के जनादेश की बात करें तो इस चुनाव में बीजेपी ने बिहारी लाल आर्य को टिकट दिया था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे बिहारी लाल आर्य विजयी रहे. बीजेपी के बिहारी लाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी सपा की डॉक्टर रश्मि आर्य को 16971 वोट के अंतर से हरा दिया था.
सामाजिक ताना-बाना
मऊरानीपुर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा सीट की राजनीतिक दशा हर चुनाव में बदलती रही है. शुरू से ही ये सीट सुरक्षित रही है. इस विधानसभा सीट से सबसे अधिक छह दफे कांग्रेस और तीन दफे बीजेपी को जीत मिली है. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल करीब ढाई लाख मतदाता हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मऊ रानीपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के बिहारी लाल आर्य विधायक हैं. विधायक के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो बिहारी लाल आर्य ने मऊरानीपुर की पेय जल विवस्था को दुरूस्त करने के लिए काफी काम करने का दावा किया है. इस विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. विधायक विकास के दावे कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी इन दावों को खोखला बता रहे हैं.