उत्तर प्रदेश में जारी चौथे चरण के मतदान के बीच राजनीतिक उठा-पटक भी जारी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात के मामले में भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी का बयान आया है. मयंक ने बुधवार को कहा कि जहां भी मेरी उपयोगिता होगी या कोई मुझे बुलाया जाएगा तो मैं चला जाऊंगा. अगर कोई नहीं बुलाता है तो आराम से घर पर बैठूंगा.
अखिलेश से मुलाकात की बात पर मयंक ने कहा कि ऐसे कोई गृह-नक्षत्र बने होंगे कि हमारी मुलाकात हो गई. उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी. उन्होंने अखिलेश से मिलने का समय मांगा था और अखिलेश ने इस पर हामी भर दी. उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई नेता उनसे नहीं मिला है, उन्हें समय नहीं मिला होगा.
हालांकि, भाजपा से टिकट ना मिलने पर एक बार फिर उनका दर्द दिखाई दे गया. उन्होंने कहा कि मैं 2017 से लगा हूं, फिर 2019 में कोशिश की. इस बार 2022 में भी प्रयासरत रहा, लेकिन पार्टी को नहीं लगता कि मैं चुनाव लड़ूं. मयंक जोशी ने लखनऊ कैंट सीट से बीजेपी प्रत्याशी बनाए गए उम्मीदवार पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया, जो इस सीट से जीत ही नहीं पाते. वोट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे विकास करने वाले को वोट देकर आए हैं.
बता दें कि मयंक लखनऊ की कैंट सीट से टिकट मांग रहे थे. टिकट ना मिलने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वे सपा ज्वाइन कर लेंगे, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ. सपा ने लखनऊ कैंट से राजू गांधी को उतारकर मयंक के पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगा दिया था. रीता बहुगुणा जोशी ने बेटे के टिकट के लिए अपनी सांसदी से त्यागपत्र देने का ऑफर दिया था, रेकिन भाजपा ने इसे स्वीकार नहीं किया.