उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है और नेताओं का पार्टियां बदलने का सिलसिला भी जारी है. ऐसे में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बागियों को सबक सिखाने के लिए नई रणनीति बनाई है. बीएसपी ने उन इलाकों में प्रचार तेज कर दिया है, जहां से उसके बागी विधायक जीतते आए हैं.
दरअसल, चुनाव से पहले बीएसपी के कई विधायक पार्टी का दामन छोड़ कर दूसरी पार्टी में जा चुके हैं. ऐसे में बागी विधायकों के इलाकों में बीएसपी ने तेज प्रचार करने की रणनीति बनाई है.
इसी रणनीति के तहत बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को कौशांबी की मंझनपुर सीट पर रैली की. इस सीट से बीएसपी के इंदरजीत सरोज विधायक हैं. हाल ही में इंदरजीत सरोज बीएसपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए. इस बार बीएसपी ने उनके सामने नीतू कनौजिया को उम्मीदवार बनाया है.
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बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पार्टी उन सभी सीटों से अपना प्रचार शुरू कर रही है, जो रिजर्व सीटें हैं. जिन सीटों पर दलितों की संख्या ज्यादा है, जो बीएसपी का कोर वोट है, वहां से प्रचार शुरू किया जा रहा है. इसलिए मंझनपुर सीट को चुना गया.
उत्तर प्रदेश में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने 403 में से 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी. समाजवादी पार्टी को 47 और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस मात्र 7 सीटें ही जीत सकी थी.