उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक विधानसभा सीट है मीरगंज विधानसभा सीट. लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मीरगंज कस्बे के नाम पर इस विधानसभा क्षेत्र का नाम मीरगंज पड़ा. ये विधानसभा क्षेत्र आधा नगरीय है और इसका आधा हिस्सा ग्रामीण है. ये क्षेत्र किसी जमाने में औद्योगिक विकास के लिए भी पहचान रखता था.
मीरगंज विधानसभा क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी रबर फैक्ट्री सिंथेटिक एंड केमिकल है. एक के बाद फैक्ट्रियां बंद होती गईं और यहां के लोग जीवनयापन के लिए खेती पर निर्भर होते गए. इस इलाके में गन्ने का उत्पादन अधिक होता है. इस इलाके में वीनस चीनी मिल है. ग्रामीण इलाके अभी भी विकास की दौड़ में काफी पीछे हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मीरगंज विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इसका नाम पहले कावर विधानसभा सीट हुआ करता था. 2008 के परिसीमन के बाद नाम बदला और इसका नाम मीरगंज विधानसभा सीट हो गया. इस विधानसभा क्षेत्र के चुनावी अतीत पर नजर डालें तो यहां कभी किसी एक दल का वर्चस्व नहीं रहा. इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा), लगभग हर प्रमुख दल के उम्मीदवारों को विधानसभा में अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है.
मीरगंज सीट से 1991 में बीजेपी के कुंवर सुरेंद्र प्रताप सिंह, 1993 में सपा के शराफत यार खान, 1996 में बीजेपी के उम्मीदवार को जीत मिली तो 2002 और 2007 में सपा से सुल्तान बेग विधायक निर्वाचित हुए. नाम परिवर्तन के बाद मीरगंज सीट के लिए हुए पहले चुनाव यानी 2012 में बसपा के टिकट पर सुल्तान बेग जीते.
2017 का जनादेश
मीरगंज विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 2012 में दूसरे स्थान पर रहे डॉक्टर डीसी वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा. बीजेपी के डॉक्टर डीसी वर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के सुल्तान बेग को 54 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. कांग्रेस के नरेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
मीरगंज विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब सवा तीन लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय, कुर्मी, कायस्थ मतदाताओं की बहुलता है. मुस्लिम मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में दलित मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मीरगंज विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के डॉक्टर डीसी वर्मा का दावा है कि उनके विधायक रहते क्षेत्र के हर इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. विपक्षी दलों के नेता विधायक के दावों को खोखला बता रहे हैं. सात चरणों में होने जा रहे यूपी चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को इस सीट पर मतदान होना है. बीजेपी ने अपने निवर्तमान विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा पर दांव लगाया है. बसपा ने कुंवर भानुप्रताप सिंह गंगवार और कांग्रेस ने मोहम्मद इलियास को टिकट दिया है.