मेरठ जिले की मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट मतदाताओं के लिहाज से जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है. मेरठ दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का इतिहास बहुत पुराना नहीं है. साल 2008 में परिसीमन के बाद मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. साल 2012 में मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट के लिए पहला चुनाव हुआ था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो यहां अब तक दो चुनाव हुए हैं. दोनों ही दफे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार विजयी रहे हैं. साल 2012 में बीजेपी ने रवींद्र भड़ाना को टिकट दिया था. 2012 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के बीच कांटे की टक्कर थी. समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने मुस्लिम प्रत्याशी उतार दिए.
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मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रवींद्र भड़ाना को 71584 वोट मिले थे. बसपा के हाजी राशिद अखलाक 61800 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. बीजेपी के रवींद्र ने बसपा के हाजी अखलाक को करीब 10 हजार वोट के अंतर से हरा दिया था. सपा के आदिल 49103 वोट के साथ तीसरे और आरएलडी के मंजूर सैफी चौथे स्थान पर रहे थे.
2017 का जनादेश
मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी को 2012 के चुनाव में जहां बसपा से टक्कर मिली थी वहीं 2017 के चुनाव परिणाम करीब-करीब एकतरफा रहे. बीजेपी ने 2017 के चुनाव में बीजेपी के सोमेंद्र तोमर ने बसपा के हाजी याकूब को 35 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया. बीजेपी के सोमेंद्र तोमर को 1 लाख 13 हजार 86 वोट मिले थे. बसपा के याकूब कुरैशी को 77 हजार 727 वोट मिले थे. कांग्रेस और सपा के गठबंधन से चुनावी रणभूमि में उतरे आजाद सैफी 69 हजार 76 वोट के साथ तीसरे और आरएलडी के पप्पू गुर्जर चौथे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है. अनुसूचित जाति के मतदाताओं की तादाद भी इस विधानसभा क्षेत्र में अच्छी खासी है. जाट, गुर्जर, ब्राह्मण वोटर भी इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं. जैन, सैनी, प्रजापति, पाल, यादव, सिख भी यहां चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में हैं. मेरठ दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में शहरी के साथ ही एक बड़ा इलाका ग्रामीण भी है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से निवर्तमान विधायक सोमेंद्र तोमर इलाके में अपने कार्यकाल के दौरान सड़क से लेकर स्वास्थ्य तक, कराए गए विकास कार्य गिना रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दलों के नेता विधायक के दावों को हवा-हवाई बता रहे हैं. 2022 के चुनाव में देखना होगा कि बीजेपी जीत की हैट्रिक लगा पाएगी या मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से सपा या बसपा में से किसी एक दल का खाता खुलेगा?