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बीजेपी से हाथ मिलाने को ओमप्रकाश राजभर तैयार, गठबंधन के लिए क्या रखीं शर्तें?

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर से बीजेपी के सहयोगी के रूप में नजर आ सकते हैं. बीजेपी के साथ मिलकर 2022 का चुनाव लड़ने के लिए तैयार ओमप्रकाश राजभर ने कई शर्तें रखी हैं, जिन्हें गठबंधन से पहले पूरा कराने का ठोस आश्वसान बीजेपी से चाहते हैं? 

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ओम प्रकाश राजभर
ओम प्रकाश राजभर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी से गठबंधन करेंगे ओमप्रकाश राजभर
  • राजभर ने बीजेपी के सामने रखी लंबी डिमांड
  • ओवैसी को राजभर ने चुनावी मंझधार में छोड़ा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. मांगें पूरी नहीं होने पर मंत्री पद छोड़ योगी सरकार से बाहर हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर से बीजेपी के सहयोगी के रूप में नजर आ सकते हैं. बीजेपी के साथ मिलकर 2022 का चुनाव लड़ने के लिए तैयार ओमप्रकाश राजभर ने कई शर्तें रखी हैं, जिन्हें गठबंधन से पहले पूरा कराने का ठोस आश्वसान बीजेपी से चाहते हैं? 

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ओम प्रकाश राजभर ने लखनऊ में प्रेस कॉफ्रेंस करके बीजेपी के साथ जाने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा तमाम मुद्दों पर बनाया गया. ऐसे में मोर्चा ने तय किया है जो भी पार्टी मुद्दों पर समझौता करेगी, उसके साथ जाएंगे. 27 अक्टूबर को मऊ में होनी वाली रैली में ऐलान किया जाएगा कि हम किसके साथ गठबंधन करेंगे. उन्होंने कहा कि कॉफ्रेंस के बाद अभी भागीदारी संकल्प मोर्चा के नेताओं के बैठक होगी, जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे. बीजेपी अगर हमारे मुद्दों को मानती है तो हम साथ जाने के तैयार हैं. 

ओम प्रकाश राजभर की शर्तें

ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन से पहले बीजेपी से मांग रखी है कि देश में पिछड़ों की जातिगत जनगणना, रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू किया जाए. यूपी में घरेलू बिजली का बिल माफ किया जाए. एक समान अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा दी जाए. 

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राजभर ने पुलिस कर्मचारियों की बॉर्डर सीमा समाप्त हो, इन्हें अपने जिले में तैनाती की छूट हो. साथ ही पुलिस ड्यूटी 8 घंटे की सीमा निर्धारित हो और साप्ताहिक अवकाश दी जाए. पुरानी पेंशन बहाल की जाए. होमगार्ड, पीआरडी और चौकीदार दोनों पुलिस के समान सुविधाएं मिलें. 

राजभर का जनाधिकार मोर्चा

बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने मई 2019 में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कई छोटी पार्टियों के साथ मिलकर जनाधिकार संकल्प मोर्चा का गठन कर रखा है. लेकिन, ओवैसी के चलते कोई भी बड़ी पार्टी राजभर के भागीदारी मोर्चा में शामिल होने को तैयार नहीं है. सूबे के सियासी माहौल में वो बखूबी जानते हैं कि इस भागीदारी मोर्चा के दम पर सीटें जीतना कितना मुश्किल है.

राजभर के गठबंधन में शामिल दलों का कोई खास जनाधार नहीं है. ऐसे में ओमप्रकाश के सामने पिछले चुनावी नतीजों को दोहराने की भी बड़ी चुनौती है. इसी मद्देनजर ओम प्रकाश राजभर यूपी में सपा से लेकर बीजेपी तक से गठबंधन करने तक का ऑफर दे रहे हैं. ओम प्रकाश राजभर ने पिछले दिनों बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से भी लखनऊ में मुलाकात की थी, जिसे में उन्हें निजी मुलाकात बताया था. 

 

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