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UP: मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह सपा में शामिल, अम्बिका चौधरी भी साइकिल पर सवार

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बड़े भाई सिबगतुल्लाह (Sibgatullah Ansari) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए हैं. उधर पूूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी (Ambika Chaudhary) की भी घर वापसी हुई है.

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यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा (सांकेतिक फोटो)
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने भी सपा में की वापसी
  • मुलायम सरकार में मंत्री रहे हैं अम्बिका चौधरी
  • सिबगतुल्लाह भी दो बार रह चुके हैं विधायक

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Polls) से पहले नेताओं का दल बदलना जारी है. इसी कड़ी में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बड़े भाई सिबगतुल्लाह (Sibgatullah Ansari) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए हैं. उधर पूूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी (Ambika Chaudhary) की भी घर वापसी हुई है. यूपी के पूर्व सीएम व  सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को उनके समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता दिलाई.

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सिबगतुल्लाह अंसारी 2007 में सपा और 2012 में कौमी एकता दल से गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा से विधायक रहे हैं. इसके बाद 2017 में बसपा से मैदान में उतरे, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा. मुख्तार अंसारी काफी समय से बांदा जेल में बंद हैं. ऐसे में अंसारी परिवार से पूर्वी यूपी की राजनीति में रुतबे को बरकरार रखने का जिम्मा उनके भाई सिबकतुल्लाह के सिर है. पंचायत चुनाव के दौरान ही अंसारी बंधुओं के हाथी से उतर कर साइकिल पर सवार होने की रणनीति तैयार की गई थी.

वहीं सपा से बसपा में गए पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी एक बार फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी को अखिलेश यादव ने सपा की सदस्यता दिलाई. अम्बिका चौधरी फेफना विधानसभा सीट से वर्ष 1993 से 2012 तक लगातार चार बार विधायक रहे. इस दौरान 2003 से 2007 तक मुलायम सिंह यादव की सरकार में अम्बिका चौधरी राजस्व मंत्री रहे. यही नहीं, वे पार्टी के मुख्य सचेतक भी थे.

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इसपर भी क्लिक करें- पंचायत आजतक 2021: अखिलेश यादव कौन सी दुनिया में हैं, उन्हीं की वजह से तो ये हालत हैः औवेसी
 
वर्ष 2012 में अम्बिका चौधरी को फेफना में भाजपा के उपेन्द्र तिवारी के हाथों हार मिली. इसके बावजूद उनके कद व तजुर्बे को देखते हुए अखिलेश यादव ने विधान परिषद का सदस्य बनाने के साथ ही अपनी सरकार में फिर से राजस्व मंत्री की जिम्मेदारी दी. वर्ष 2016 तक वे इस पद पर रहे. सपा छोड़ने के बाद 2017 में उन्होंने बसपा का दामन थामा था. पिछले जिला पंचायत चुनाव में अम्बिका चौधरी के बेटे आनंद सपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए थे. इसके बाद से ही अम्बिका चौधरी के सपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थी.

अभिलाषा को संकल्प बनाना चाहता हूं- अम्बिका

सपा में शामिल होने के बाद अम्बिका चौधरी ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए पुनर्जन्म की तरह है, बहुत कुछ कहना चाहता हूं पर शब्दों का अभाव है. अखिलेश ने मुझे मेरे बेटे और साथियों को पार्टी में शामिल करने की अनुकंपा की है. मन में एक अभिलाषा है जिसे मैं अपना संकल्प बनाना चाहता हूं और अखिलेश को सीएम बनना चाहता हूं. अपना संकल्प पूरा करने के लिए मैं कुछ भी करूंगा. सब इसी छांव की उपलब्धियां हैं. 2022 विधान सभा चुनाव तक एक लक्ष्य है कि हमारी सरकार बने.

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भावुक हुए अम्बिका चौधरी

अम्बिका चौधरी के सपा में वापसी पर अखिलेश यादव ने कहा कि अंबिका जी बहुत भावुक थे, और इतने भावुक थे कि वो जो बात कहना चाहते थे वह भी नहीं कह पा रहे थे. जो पार्टी छोड़कर गया होगा उसे कितनी परेशानी और दुख हुआ होगा यह मैं अंदाजा लगा सकता हूं. नेताजी के जितने साथी हैं, उन्हें सपा में जोड़ा जाए ये मेरी कोशिश रहेगी. न जाने क्यों बहुत मजबूत रिश्ते बहुत आसानी से टूट जाते है. सही समय पर जो साथ थे वही साथी है.

अखिलेश यादव ने कहा कि मैं बलिया के लोगों को बधाई देता हूं कि जिला पंचायत चुनाव में सबसे मजबूती से बलिया के लोग खड़े दिखाई दिए. बलिया का सपा से सबसे गहरा रिश्ता है, चाहते राजनीतिक हो , पारिवारिक हो या भावनात्मक हो. सीएम योगी ने योजनाओं के आगे से समाजवादी शब्द हटा दिया. दूसरों का फीता काटेंगे, नाम बदलेंगे, रंग बदलेंगे. योगी सरकार ने बलिया को सबसे पीछे कर दिया. अम्बिका जी ने हमें कुल्हड़ में गुड़ की चाय पिलाई थी, यह जुड़ाव है हमारा.

बीजेपी ने साधा निशाना

अंसारी बधुओं के  सपा  में शामिल होने पर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि  समाजवादी पार्टी की सत्ता पाने की छटपटाहट यह बता रही है कि उनके पास ना कोई नीति है ना उनका कोई आचरण है, जो उत्तर प्रदेश के जनमानस को स्वीकार हो. जब तक उनकी सरकार रही उन्होंने अराजकता को, गुंडई को बढ़ावा देने का काम किया है. सामान्य जनमानस अंसारी बंधुओं से किस तरह से भय खाता है यह किसी से छुपा नहीं है. हमारी सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ जो कानून व्यवस्था को खराब कर रहे हैं, आम जनमानस को परेशान कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की है. उनपर ऐसी कार्रवाई की जो आने वाले दिनों में लोगों के लिए सबक होगी.

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 उन्होंने आगे कहा कि 2014, 2017, 2019 में सभी लोगों के दबदबे को उत्तर प्रदेश की जनता ने समाप्त किया और ऐसे लोगों के खिलाफ जमकर मतदान किया. सभी लोग जानते हैं  बीजेपी ही एक अकेली पार्टी है जो सभी लोगों को साथ लेकर चलती है. बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक का कार्यकर्ता आम जनमानस के बीच जाकर काम करता है. यह मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने जो काम किया जिस तरह से प्रदेश के लोगों को सेवा की, जब परिणाम आएगा तो भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आएगा और पिछली बार से भी ज्यादा सीटें जीतकर दोबारा सरकार बनाएंगे. समाजवादी पार्टी का जब से गठन हुआ तभी से कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के साथ, हमेशा ऐसे अराजक तत्वों के साथ-साथ रही है. यही उनका असल चेहरा है.

 

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