UP Election से पहले शह और मात का खेल जारी है. बीजेपी ने काउंटर अटैक करते हुए अब मुलायम के समधी और फिरोजाबाद की सिरसागंज सीट से विधायक हरिओम यादव को अपनी तरफ शामिल कर लिया है. हरिओम यादव के अलावा आज बीजेपी ने सहारनपुर जनपद के बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी और सपा के पूर्व विधायक धर्मपाल यादव को भी अपनी तरफ शामिल किया है.
इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़ने से पार्टी को झटका लगा है. लेकिन वह सपा में जाएंगे या नहीं, यह साफ नहीं है.
बात करें हरिओम यादव की तो वह सिरसागंज सीट से विधायक हैं. वह फिलहाल समाजवादी पार्टी से निलंबित चल रहे हैं. हरिओम यादव को पिछले साल फरवरी 2021 में सपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. उनपर पार्टी लाइन से हटकर, पार्टी विरोधी गतिविधियां करने का आरोप लगा था. अखिलेश यादव के निर्देश पर यह एक्शन हुआ था.
Congress MLA Shri Naresh Saini, Samajwadi Party MLA Shri Hariom Yadav and former Samajwadi Party MLA Shri Dharmpal Yadav #JoinBJP at party headquarters in New Delhi. pic.twitter.com/0vUKXm0nSH
— BJP (@BJP4India) January 12, 2022
मुलायम से है समधी का रिश्ता
हरिओम यादव की एक और बड़ी पहचान है कि वह मुलायम सिंह यादव के समधी भी हैं. हरिओम यादव के सगे भाई रामप्रकाश नेहरू की बेटी मृदुला यादव का विवाह मुलायम सिंह यादव के भतीजे (मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पुत्र रणवीर सिंह यादव) से हुआ था. रणवीर सिंह यादव की मृत्यु के उपरांत सैफई महोत्सव रणवीर सिंह की स्मृति में बनाया जाता है. रणवीर सिंह और मृदुला यादव के पुत्र तेजवीर यादव उर्फ तेजू है जो मैनपुरी के पूर्व सांसद रहे हैं और मुलायम और अखिलेश के करीबी है.
जिला पंचायत चुनाव में की थी बीजेपी की मदद
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी हरिओम यादव ने बीजेपी की मदद की थी. यही वजह है कि फिरोजाबाद जैसे सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. हरिओम यादव फिरोजाबाद में सपा के मजबूत स्तंभ थे लेकिन प्रोफेसर रामगोपाल यादव से कभी नहीं बनी. दूसरी तरफ वह शिवपाल यादव के बेहद करीबी रहे हैं, लेकिन शिवपाल यादव के सपा में वापस जाने के बावजूद हरिओम यादव सपा के बजाय बीजेपी में शामिल हुए.
हरिओम यादव का राजनीतिक जीवन
हरिओम यादव 2002 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़े. उनको 18364 वोटों से जीत मिली थी. दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के विमल कुमार रहे थे. फिर 2012 में हरिओम यादव ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर 85517 वोट से जीत हासिल की. तब दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के अतुल प्रताप सिंह रहे थे. इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट से हरिओम यादव 11,000 वोटों से जीते थे, तब दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के राघवेंद्र सिंह रहे.
हरिओम यादव की पत्नी रामसखी यादव तथा हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप सिंह यादव इस समय जिला पंचायत सदस्य हैं.
2021 में हुए जिला पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रत्याशी रही हर्षिता सिंह की हरिओम यादव ने मदद की थी और अपने परिवार के छह जिला पंचायत सदस्य के वोट भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में डलवाए थे. जिस कारण सपा जिला पंचायत का चुनाव हार गई थी.