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बेटी को कांग्रेस का टिकट मिलने पर बोले मुनव्वर राणा, मैं सियासी नहीं हूं, मोहब्बत का पैगाम देता हूं

UP Elections 2022: यूपी में कांग्रेस ने चौथे चरण के चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है जिसमें मशहूर शायर मुनव्वर राणा की सबसे छोटी बेटी उरूसा राणा को उन्नाव के पुरवा से टिकट दिया गया है.

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मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा को कांग्रेस ने पुरवा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा को कांग्रेस ने पुरवा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उन्नाव की पुरवा सीट से उरूसा राणा को कांग्रेस का टिकट
  • मुनव्वर राणा की एक और बेटी सुमैया हैं सपा नेत्री

उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में सियासी तापमान लगातार बढ़ता ज रहा है. राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार को चुनाव में उतारने के लिए मंथन करके सूची जारी कर रही हैं. इन्हीं सबके बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चौथे चरण में होने वाले चुनाव के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिसमें मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा का नाम शामिल है. कांग्रेस ने उरूसा को उन्नाव जनपद के पुरवा से अपना प्रत्याशी बनाया है.

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मुनव्वर राणा ने यूपी में होने वाले चुनाव को लेकर शायराना अंदाज में मीडिया से बात की. साथ ही अपनी सबसे छोटी बेटी को टिकट मिलने पर मुन्नवर ने कहा कि, मीडिया के जरिए पता चला है कि मेरी बेटी को टिकट मिल गया है. हमारी सभी बेटियों की शादी हो गई है. वह उनका फैसला है कि वह किस पार्टी में जाती हैं. सियासत में जाना उनका शौक है, कोई किसी पार्टी में है, तो कोई किसी पार्टी में. मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है कि मैं कुछ भी बोलूं, क्योंकि सियासत में मेरी कोई भी जिम्मेदारी कभी नहीं रही है.

उरूसा राणा काफी समय से कांग्रेस में सक्रिय हैं.

शायर ने कहा, सियासत में जो कुछ भी हो रहा है, वह मेरी इजाजत के बगैर हो रहा है. इन दिनों इलेक्शन का समय है, तो एक शायर और शहरी की हैसियत से मैं यही कहना चाहता हूं कि जो जीतकर आते हैं, खुदा उनको तौफीक दे.  मोहब्बत के बीच कितने भी नफरत की हवा वहां से गुजरे तो वह खुशबूदार हो जाए. नफरतों से न डरे, गरीबी, भुखमरी जो लोगों का मुकद्दर बन गया है यह सब चीजें खत्म हो जाएं.  

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चुनाव में कौन-सी पार्टी बाजी मारेगी? के जवाब में मुनव्वर राणा ने कहा कि यह वही बता सकते हैं जो राजनीति करते हैं, हम तो एक शायर हैं, मेरा काम मोहब्बत का पैगाम देना है, मुझे कोई यह नहीं कह सकता कि मैं किसी नेता की दरबारी में सलामी करने गया. मुनव्वर ने आगे कहा, मैं जिंदगी के उस मोड़ पर हूं कि कोई सुबह मेरी आखिरी सुबह हो सकती है और कोई शाम मेरी आखिरी शाम हो सकती है." मैं इस वक्त यही चाहता हूं कि मैं लोगों से अपने लिए दुआएं बटोरूं.

यूपी की सियासत के लिए हमारा एक बहुत ही पुराना गजल और शेर है कि,"आखिर शरीफ इंसान इलेक्शन क्यों हार जाता है, कहानी में तो यह लिखा था कि रावण हार जाता है, अभी मौजूद है इस गांव की मिट्टी में ख़ुद्दारी, अभी बेवा की ग़ैरत से महाजन हार जाता है.''

 

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