देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में आयोजित 'आजतक' के कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' में यूपी की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने शिरकत की. डॉक्टर संजय निषाद ने 'पंचायत आजतक' के 'अल्लाह या मल्लाह' सत्र में बेबाकी से सवालों के जवाब दिए और अपनी बात रखी.
डॉक्टर संजय निषाद ने निषादराज के किले की चर्चा करते हुए कहा कि वोट और नोट पर सभी ने डाका डाला लेकिन निषादराज के किले को बीजेपी ने पर्यटन स्थल घोषित किया. इसके लिए बीजेपी को धन्यवाद. उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से संबंधित सवाल पर कहा कि जिन जातियों ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया. इन जातियों को पिछड़ी की लिस्ट में डाल दिया.
संजय निषाद ने आरक्षण को लेकर सियासत के सवाल पर कहा कि रिटायर्ड जज के पास कौन अपना मुकदमा लेकर जाता है. हम बीजेपी से लेंगे, जैसे ले लें. उन्होंने कहा कि जय श्रीराम, जय निषादराज का नारा लगा और 40 से अधिक सीटों पर हमने जिताया. आरक्षण को लेकर नाराजगी के सवाल पर संजय निषाद ने कहा कि आरजीआई ने पहले लिख दिया होता तो नाराजगी नहीं होती.
बीजेपी के साथ निषाद पार्टी के गठबंधन का आर्किटेक्ट कौन है? इस सवाल पर संजय निषाद ने कहा कि गठबंधन के लिए सबसे पहले हम सिद्धार्थ नाथ सिंह के यहां गए थे. उन्होंने अमित शाह से बात कराई और उन्होंने हां कह दिया. इसके बाद योगी आदित्यनाथ और अमित शाह के साथ हमारी बैठक हुई और गठबंधन पर मुहर लग गई.
संजय निषाद ने ये पहले से गठबंधन था तो फिर से ऐलान को लेकर सवाल पर कहा कि हमने उनसे कहा था कि उनको लग रहा है कि डॉक्टर साहब कहीं और न चले जाएं तो बैठकर बात कर ऐलान कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि सीटों पर भी सहमति बन गई है. हमें सीटें भी मिलेंगी, हम लड़ेंगे भी और हम जीतेंगे भी.
बीजेपी के साथ हैं और जीतेंगे
उन्होंने कहा कि संविधान में पहले से ही लिखा हुआ है, इसमें बीजेपी को कुछ करना नहीं है. उन्होंने कहा कि निषाद जिस नाव में सवार होता है उसे डूबने नहीं देता. हम बीजेपी के साथ हैं और जीतेंगे. बीजेपी के साथ गठबंधन के सवाल पर डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि हम उनके छोटे भाई हैं. गठबंधन के लिए उनके पास हम गए थे. बीजेपी से हमें उम्मीद है कि वे आरक्षण जरूर देंगे.
गठबंधन में हुई कौन सी डील?
बीजेपी के साथ गठबंधन में कौन सी डील हुई, इस सवाल पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब वकील ही जज हो जाए तो डील की क्या बात. योगी आदित्यनाथ हमसे पहले से ही हमारी वकालत करते रहे हैं और अब वे ही जज हैं. वकील ही जज हो जाए और कलम न चलाए तो थोड़ी मायूसी होती है. उन्होंने कहा कि निषाद अंग्रेजों के जमाने से बिखरे थे. हम इनको एक साथ लेकर आए हैं. जबसे निषाद ने सपा-बसपा और कांग्रेस का बटन दबाना छोड़ा, तब से उनका हाल देखिए.
जातिगत जनगणना पर कही ये बात
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने जातिगत जनगणना के सवाल पर कहा कि निश्चित रूप से जातिगत जनगणना होनी चाहिए लेकिन उससे पहले संविधान में जो सेंसस मैनुअल 1961 लिखा हुआ है कि कौन सी जातियां कहां गिनी जाएंगी, इससे संबंधित विसंगतियां दूर की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि 1961 में केवट, कश्यप, कहार, बिंद, धीवर, रायकवार, मझवार, तुरहा को गिना गया था तब मझवार की गिनती 70 हजार थी. हमारे पुकारू नाम की गिनती कर केवल तीन हजार कर दिया और पिछड़ी में डाल दिया.
सत्ता के हिस्सेदार बनें युवा
संजय निषाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि युवा राजनीति में आएं और राजनीति के हिस्सेदार बनें. हमारी रैली में 80 फीसदी युवा थे. उन्होंने दावा किया कि तीन साल में तहलका मचा रखा हूं. जिन झउवा भर वोट को लेकर कहा जाता था कि ये पउवा और पायल वाले हैं. पउवा और पायल देकर वोट ले लिया जाएगा, उनको एक बोरे में भर दिया है.
सपा नेताओं पर रेड को लेकर क्या कहा
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने अपने बयान को लेकर कहा कि हमने इसे गलत नहीं बताया था. हमने कहा था कि पांच साल पहले से जब ये लूट के रखे हुए थे तो अधिकारी पांच साल क्या कर रहे थे. ओमप्रकाश राजभर और सपा के गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि वोट चेहरे से नहीं आते. ओमप्रकाश भाई पहले भी अकेले चुनाव लड़कर देख चुके हैं.
70 साल से शौचालय मिला, सचिवालय में जगह नहीं
डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि बहनजी ने पिछले 30 साल से हमारा आरक्षण अटका रखा है. 70 साल से हमारे समाज के लोगों को केवल शौचालय दिया गया है. सचिवालय में जगह नहीं मिली. सचिवालय में भाग्य लिखा जाता है. उन्होंने बीजेपी को धन्यवाद दिया और कहा कि बीजेपी की सरकार के दौरान अलग-अलग जातियों के लोग प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारी बने.