scorecardresearch
 

लखीमपुर हिंसा में कांग्रेस के एक्शन पर PK का तंज- पुरानी पार्टी में समस्या गहरी, यह कोई समाधान नहीं

लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद भारी विरोध प्रदर्शन के बीच राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिजनों से मिलने गए थे. कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार प्रदर्शन कर रही है.

Advertisement
X
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (फाइल-पीटीआई)
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहींः PK
  • पीड़ितों के परिजनों से मिलने गए थे राहुल और प्रियंका गांधी
  • प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने के आसार हुए कम

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और इसमें मारे गए किसानों को लेकर कांग्रेस की अतिसक्रियता पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज शुक्रवार को ट्वीट के जरिए निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि ग्रैंड ओल्ड पार्टी की गहरी जड़ तक जुड़ी समस्या और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है.

Advertisement

विख्यात राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, 'लखीमपुर खीरी घटना के आधार पर जो लोग ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित, स्वतःस्फूर्त पुनरुद्धार की उम्मीद कर रहे थे उन्हें निराशा हाथ लगी है. दुर्भाग्य से, ग्रैंड ओल्ड पार्टी की गहरी जड़ तक जुड़ी समस्याएं और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है.'

प्रशांत किशोर की यह टिप्पणी तब आई है जब लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोग मारे गए और इन मौतों के विरोध में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने से रोका गया. हालांकि बाद में उन्हें पीड़ितों के परिजनों से मिलने जाने दिया गया. भारी विरोध प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिजनों से मिलने गए थे. कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार प्रदर्शन कर रही है.

Advertisement

इसे भी क्लिक करें --- Exclusive: यूपी समेत अन्य राज्यों के चुनावों में क्या रहेगा प्रशांत किशोर का रोल?

44 साल के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर से की गई टिप्पणी के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस के साथ उनके रिश्ते अब खत्म होने की कगार पर है. अपनी कुशल रणनीति के जरिए कई राजनीतिक दलों को जीत का स्वाद चखाने वाले प्रशांत की यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है.

कांग्रेस में जाने के आसार!

पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं, लेकिन अब पीके के इस नए ट्वीट ने ऐसी सभी अटकलों पर विराम सा लगा दिया है. प्रशांत किशोर का मानना है कि वर्तमान में जो विपक्ष है वो बीजेपी से मुकाबला करने के लायक नहीं हैं.

इसे भी क्लिक करें --- यूपी में किसानों की लड़ाई लड़ने को कितनी तैयार है राहुल-प्रियंका की कांग्रेस?

इससे पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अगस्त में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था. तब प्रशांत ने कहा था कि मैं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय राजनीति से अस्थायी तौर पर ब्रेक चाहता हूं. इसलिए मैं आपके प्रधान सलाहकार पद की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता.

Advertisement

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में मुझे क्या करना है यह अभी मुझे तय करना है. इसलिए मैं आपसे दरख्वास्त करता हूं कि मुझे इस पद से मुक्त कर दिया जाए. 

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के बीच रविवार को चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई. मामले के आरोपी अजय मिश्रा के बेटे आशीष की गिरफ्तारी होनी बाकी है. वह आज पुलिस की ओर से पहली पूछताछ में भी शामिल नहीं हुआ.


 

Advertisement
Advertisement