उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 'गांधी परिवार' के मजबूत गढ़ रायबरेली की सीटों पर वोटिंग होनी है. यहां की गलियों में घूम-घूम कर राजनीतिक दांव-पेच सीखने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रायबरेली में 2 दिन तक कैंप कर सियासी माहौल को बदलने की कवायद की है. प्रियंका गांधी ने रोड शो और नुक्कड़ सभाओं के जरिए रायबरेली क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए उम्मीदों का दिया जलाने का प्रयास किया है, लेकिन सपा, बीजेपी और बसपा की कड़ी चुनौतियों के बीच गांधी परिवार के गढ़ में कांग्रेस को जीत दिलाना बड़ा चैलेंज भी नजर आ रहा है.
रायबरेली जिले की छह में से पांच सीटों पर चौथे चरण में चरण में वोटिंग है जबकि एक सीट पर पांचवें चरण में वोटिंग है. 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमें रायबरेली सदर और हरचंदपुर सीट थी. बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें सरेनी, बछरांवा और सलोन सीट जबकि सपा ऊंचाहार सीट जीत सकी थी. हालांकि, कांग्रेस से जीत दर्ज करने वाले राकेश प्रताप सिंह और अदिति सिंह दोनों ही अब बीजेपी का दामन थामकर चुनावी मैदान में उतरे हैं.
प्रियंका गांधी ने रायबरेली में किया चुनाव प्रचार
प्रियंका गांधी शनिवार को बछरावां, हरचंदपुर के रास्ते रायबरेली में दाखिल हुईं, हरचंदपुर में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र विक्रम सिंह के पक्ष में, सरेनी क्षेत्र के लालगंज में देर शाम रोड शो कर कांग्रेस प्रत्याशी सुधा द्विवेदी को जिताने की अपील करती नजर आईं. प्रियंका ने दूसरे दिन रविवार को ऊंचाहार में कांग्रेस प्रत्याशी अतुल सिंह के लिए जगतपुर और ऊंचाहार सहित तमाम जगह नुक्कड़ सभाएं कर वोट मांगे तो रायबरेली शहर में कांग्रेस प्रत्याशी डा. मनीष सिंह चौहान के लिए रोड शो किया.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने दो दिवसीय दौरे के जरिए चौथ चरण के तहत आने वाली रायबरेली की पांच सीटों के साथ ही सभी वर्गों को छूने का भरसक प्रयास भी किया. रविवार दोपहर के करीब दो बजे शहर में प्रियंका गांधी ने डिग्री कॉलेज चौराहे से त्रिपुला तक रोड शो किया. हालांकि, प्रियंका जिस अंदाज में चुनावी प्रचार करती दिखी हैं, उससे साफ लगा कि अब उनकी जिम्मेदारियां अमेठी-रायबरेली के बाहर भी बढ़ी हुई हैं. इसीलिए उन्होंने महज दो दिन में ही पांचों सीटों को कवर किया.
रायबरेली जिले की 6 सीटों में से पांच पर बीजेपी चुनावी मैदान में हैं तो एक पर उसके सहयोगी अपना दल (एस) चुनाव लड़ रही है. सपा और बसपा ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं. गांधी परिवार के गढ़ में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी पूरी ताकत से जोर लगा रही है तो सपा भी 2012 की तर्ज पर जीत का परचम फहराना चाहती है. बीजेपी के बड़े नेता रायबरेली का लगातार दौरा कर रहे हैं.
बीजेपी नेताओं ने रायबरेली में किया प्रचार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री व अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल दौरा कर चुके हैं तो योगी आदित्यनाथ सोमवार को जनसभा करने उतर रहे हैं. अनुप्रिया पटेल की साख भी दांव पर लगी है, क्योंकि बछरांवा सीट पर उन्होंने अपना प्रत्याशी उतार रखा है.
अखिलेश यादव सरेनी में जिले की पांचों सीटों के लिए बड़ी जनसभा कर चुके हैं, लेकिन सोमवार को दोबारा से रायबरेली और ऊंचाहार सीट के लिए जनसभा कर रहे हैं. बीजेपी छोड़कर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य सोमवार को रायबरेली में आरपी यादव के पक्ष में जनसभा किया. ऊंचाहार और रायबरेली सदर सीट पर सभी बड़े नेताओं की नजरें हैं.
ऊंचाहार सीट पर सपा से पूर्व मंत्री मनोज पांडेय मैदान में हैं, जिनके सामने बीजेपी के अमरनाथ मौर्य हैं. ऐसे ही रायबरेली सदर सीट पर बीजेपी की अदिति सिंह का मुकाबला सपा के आरपी यादव से होता दिख रहा है. कांग्रेस से डा. मनीष चौहान ने उतरकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. हरचंदपुर और सरेनी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है तो बछरावां सीट पर कांग्रेस और अपना दल (एस) के बीच कांटे की लड़ाई होती नजर आ रही है.
दरअसल, कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के नेताओं की नजरे हैं. रायबरेली में कांग्रेस को बीजेपी से ही नहीं बल्कि सपा और बसपा से भी मुकाबला करना पड़ रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने छह में से 3 सीटों पर दलबदलू नेताओं पर दांव खेल रखा है, जो बीजेपी और सपा से आए हैं.
प्रियंका गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस छोड़कर बीजेपी से चुनाव लड़ने वाली अदिति सिंह और राकेश प्रताप सिंह को सियासी मात देने की है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस रायबरेली में क्या अपने पुराने नतीजे दोहरा पाती है या नहीं?