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आजम खान को मात देने के लिए खुद मैदान में उतरे रामपुर के नवाब, जानें कौन है नावेद मियां

रामपुर सीट से कांग्रेस ने नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां को मैदान में उतारा है. नवाब काजिम अली, समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता आजम खान के धुरविरोधी हैं. आइए जानते हैं कौन हैं नवेद मियां.

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रामपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली
रामपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लगातार पांच बार विधायक रहे हैं नवेद मियां
  • इस बार कांग्रेस ने रामपुर सीट से बनाया है प्रत्याशी

रामपुर का जब भी जिक्र आता है तो सबके ख्याल में आजम खान की तस्वीर आ जाती है. समाजवादी पार्टी (सपा) के वो कद्दावर नेता, जिनकी रामपुर में तूती बोलती थी लेकिन अब कई महीनों से जेल में बंद हैं. खैर हम बात आजम खान की नहीं, बल्कि आजम खान को सियासी रसूख जिस परिवार की मुखालफत करके मिली, उस नवाब खानदान की हम बात करेंगे.

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रामपुर के नवाब खानदान के वारिस नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां इस बार रामपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. इससे पहले वह रामपुर जिले की स्वार सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन पिछले चुनाव में आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम ने नवाब नवेद मियां को पटखनी दे दी, जिसका बदला लेने के लिए वह इस बार रामपुर से मैदान में हैं.

कौन हैं नवाब काजिम अली खान

नवाब काजिम अली खान का जन्म रामपुर जिले में हुआ. उन्होंने चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर की डिग्री प्राप्त की, फिर वे कोलंबिया विश्वविद्यालय चले गए और मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर और डिजाइन मैनेजमेंट की डिग्री प्राप्त की. उनको ऑर्डर ऑफ द ग्रिफॉन (मेक्लेनबर्ग) सम्मान से भी सम्मानित किया गया है.

28 दिसंबर 1975 को बैंगलोर में मुहम्मद काज़िम अली खान (तब उत्तराधिकारी या नवाबज़ादा) ने नवाब अब्दुल रशीद खान साहिब बहादुर की छोटी बेटी बेगम यासिन अली खान से शादी की. इनके दो बेटे हैं. नवाब काजिम अली के बेटे हैदर उर्फ हमजा मियां इस स्वार सीट से अपना दल (एस) के टिकट पर अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मैदान में हैं.

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पांच बार लगातार विधायक रहे हैं नवाब काजिम अली

नवाब काज़िम अली खान लगातार पांच बार विधायक रहे हैं. वह समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं. नवाब कासिम अली ने अपना पहला चुनाव 1996 में बिलासपुर सीट से लड़ा था. फिर वह लगातार चार बार (2007 उपचुनाव लेकर) स्वार सीट से विधायक बने.

क्या नवाब खानदान का राजनीति इतिहास

नवाब खानदान से सबसे पहले जुल्फिकार अली खान उर्फ मिकी मियां ने राजनीति में कदम रखा. वह 1967 में रामपुर से संसद में पहुंचे. वह रामपुर से पांच बार सांसद रहे. इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए आम चुनाव उन्हें हार मिली. इसके बाद फिर जीते. 1991 में उनका निधन हो गया. इसके बाद उनकी सियासी विरासत पत्नी नूरबानो ने संभाली.

नूरबानो रामपुर से दो बार सांसद बनीं. नूरबानो केंद्र की सियासत करती हैं तो उनके बेटे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने प्रदेश की राजनीति में किस्मत आजमाया और सफल हुए. हालांकि किस्मत 2017 के चुनाव में पलट गई और रामपुर की जिस सीट (स्वार) पर नवेद मियां की तूती बोलती थी, वहां पर तीसरे पायदान पर खिसक गए.

2 अरब 96 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं नवाब काजिम अली

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रामपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली पास 2 अरब 96 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. इसमें से 2 अरब 94 करोड़ की संपत्ति उन्हें विरासत में मिली है. उन्होंने 1 करोड़ 70 लाख रुपए की संपत्ति खुद ही अर्जित की है. नवाब काजिम अली खान के पांच बैंक खाते हैं. इसमें करीब 1 लाख 20 हजार रुपए जमा हैं.

 

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