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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिद्धार्थनगर से 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया. उन्होंने सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के कॉलेजों का भी उद्घाटन किया.
यूपी सरकार में एसीएस सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि सभी मेडिकल कॉलेजों में नेशनल मेडिकल कमीशन के तय मानक के हिसाब से 300 बेड बनाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब 500 बेड बनाने का काम चल रहा है.
इसी बीच आजतक की टीम ने इन 9 मेडिकल कॉलेजों में से 7 में पहुंचकर ये जानने की कोशिश की है कि कितने कॉलेज पूरी तरह बनकर तैयार हो गए हैं और वहां सुविधाओं की क्या स्थिति है. पढ़ें ये ग्राउंड रिपोर्ट...
1. मिर्जापुरः बिजली की सप्लाई अभी भी अधूरी
- मां विंध्यवासनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के नाम से मेडिकल कॉलेज बनाया गया है. यहां बिजली तो 24 घंटे होनी चाहिए, लेकिन अभी भी बिजली की सप्लाई का काम अधूरा है. बिल्डिंग का काम पूरा हो चुका है. 15 छोटी-बड़ी बिल्डिंग बनाई गई हैं.
- 232.97 करोड़ रुपये की लागत से ये मेडिकल कॉलेज 30.56 एकड़ में बना हुआ है. यहां 100 सीट एमबीबीएस के लिए होगी. मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर और कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है. प्रोफेसर मिर्जा राशिद ने बताया यहां 50 फैकल्टीज की जरूरत है, जिसमें से 45-46 पद भरे जा चुके हैं.
2. हरदोईः कॉलेज कैंपस से 10 किमी दूर होगा इलाज
- 206 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मेडिकल कॉलेज का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. फैकल्टीज की नियुक्ति हो चुकी है. जूनियर से लेकर सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों के पद भी भरे जा चुके हैं.
- यहां मरीजों का इलाज कॉलेज कैंपस से 10 किमी दूर जिला अस्पताल में किया जाएगा. जिला अस्पताल में ही 9 मंजिला बिल्डिंग और मेडिकल कॉलेज की ओपीडी का निर्माण हो रहा है, जिसकी अभी तक पहली मंजिल भी नहीं बनी है.
3. जौनपुरः काम पूरे होने में 2-3 साल लगेंगे
- 554 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस मेडिकल कॉलेज को अब तक 300 करोड़ मिल चुके हैं. इस मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास 2014 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने किया था. 25 अक्टूबर को पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन इसका काम अभी काफी अधूरा है जिसे पूरा होने में 2 से 3 साल का वक्त और लगेगा.
- कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शिव कुमार ने बताया कि क्लासरूम, लाइब्रेरी और हॉस्टल बनकर तैयार हैं. उच्च पदों पर नियुक्तियां हो गई हैं. 70 से 75 पदों पर आयोग नियुक्तियां करेगा. उन्होंने बताया कि नीट की परीक्षा हो चुकी है और रिजल्ट आते ही 100 छात्रों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
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4. प्रतापगढ़ः बिल्डिंग आधी-अधूरी, सड़क तक नहीं बनी
- प्रतापगढ़ में सोनेलाल पटेल के नाम से मेडिकल कॉलेज बन रहा है. इसका उद्घाटन तो हो चुका है, लेकिन यहां बिल्डिंग अभी भी आधी-अधूरी ही है. मुख्य सड़क से कॉलेज तक जाने वाली सड़क का भी निर्माण नहीं हो पाया है.
- चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि यहां 345 बेड होंगे, जिसमें से 20 आईसीयू बेड होंगे. उन्होंने बताया कि जल्द ही कॉलेज में ओपीडी शुरू हो जाएगी.
5. देवरियाः कॉलेज का 80 फीसदी काम पूरा हुआ
- देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पताल से संबद्ध कर चिकित्सीय सेवाएं शुरू कर दी गई हैं. नीट का रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग होने पर यहां 100 सीट पर एडमिशन होगा और एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
- 208 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस मेडिकल कॉलेज का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. इस मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉक्टर आनंद मोहन वर्मा के मुताबिक, यहां पर तय मानक के अनुसार 50 पीजी रेजिडेंट, 24 सीनियर रेजिडेंट में से 21 रेजिडेंट नियुक्त कर दिए गए हैं, जो ड्यूटी कर रहे हैं.
6. फतेहपुरः अभी तक पूरी तरह नहीं बन सका कॉलेज
- फतेहपुर जिले में अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियाव सिंह मेडिकल कॉलेज का काम मार्च 2021 तक पूरा होना था, लेकिन अभी तक पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है.
- शहर से आठ किमी दूर नेशनल हाईवे 2 पर स्थित अल्लीपुर गांव के पास इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया है. बिल्डिंग में अंदर और बाहर फिनिशिंग का काम किया जा रहा है.
- यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने दावा किया है कि मेडिकल कॉलेज पूरा खुल गया है, बस छिटपुट काम है जो होते रहेंगे. वहीं, कॉलेज के प्रिंसपल आरपी सिंह ने बताया कि इस साल 100 एमबीबीएस सीट की सुविधा हो जाएगी.
7. एटाः ओपीडी शुरू, लेकिन बिल्डिंग पूरी नहीं बनी
- 300 बेड के इस मेडिकल कॉलेज में अभी जिला अस्पताल में 100 बेड की ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी इसकी बिल्डिंग पूरी नहीं बनी है. एमबीबीएस छात्रों के लिए लैक्चर रूम, रेजिडेंट डॉक्टरों और प्रोफेसरों के लिए आवास भी लगभग बन कर तैयार हैं, लेकिन जिला अस्पताल में बन रहा ट्रॉमा सेंटर अभी निर्माणाधीन है और इसे पूरी तरह से तैयार होने में 2022 के जुलाई-अगस्त तक का समय लगेगा.
- मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और डीन प्रोफेसर राजेश गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज लगभग बनकर तैयार है, केवल फाइनल फिनिशिंग टच रह गया है. उन्होंने कहा कि नीट की काउंसलिंग के बाद 100 छात्र हमें अलॉट होंगे, उसके बाद उनकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
यूपी सरकार का क्या है कहना?
इन मेडिकल कॉलेजों के अधूरे बने होने के दावों पर यूपी सरकार के एसीएस सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन मानक तय करता है और मानक पूरे होने के बाद ही उद्घाटन हुआ है.
उन्होंने कहा, सभी 9 अस्पतालों में 300 बेड के अस्पतालों के मानक पूरे किए जा चुके हैं. नेशनल मेडिकल कमीशन ने सभी अस्पतालों के मानक को जांचा परखा है और उसके इन्सपेक्शन के बाद ही इनका उद्घाटन हुआ है. 300 बेड के बाद दूसरे फेज के लिए 500 बेड बनाए जाने हैं, जिसका काम चल रहा है.
उन्होंने बताया, इन सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में इस साल NEET के तहत दाखिले भी होंगे, ऐसे में आधे-अधूरे का सवाल ही नहीं है. मानक नेशनल मेडिकल कमीशन तय करता है और जब मानक पूरा हुआ है, तभी इन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया गया है.
(मिर्जापुर से सुरेश कुमार सिंह, हरदोई से प्रशांत पाठक, जौनपुर से राजकुमार सिंह, प्रतापगढ़ से सुनील कुमार, देवरिया से राम प्रताप सिंह, फतेहपुर से नितेश श्रीवास्तव, एटा से देवेश पाल सिंह)