उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की एक विधानसभा सीट है सहारनपुर देहात विधानसभा सीट. ये विधानसभा सीट सामान्य है. 2012 के पहले तक इस विधानसभा सीट को हरोडा विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता था. 2012 के परिसीमन के बाद इस सीट का नाम हरोडा से बदलकर सहारनपुर कर दिया गया था. हरोडा सीट एससी के लिए आरक्षित थी.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सहारनपुर देहात विधानसभा सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी. 2012 से अब तक इस सीट के लिए दो दफे चुनाव हुए हैं. दो में से एक बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तो एक दफे कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली. साल 2012 के चुनाव में बसपा के जगपाल सिंह जीते थे तो वहीं 2017 के चुनाव में कांग्रेस के मसूद अख्तर विजयी रहे.
ये भी पढ़ें- Mainpuri Assembly Seat: मुलायम के गढ़ में कम अंतर से हारी थी BJP, 2022 में क्या होगा?
अतीत की बात करें तो सहारनपुर देहात विधानसभा सीट का नाम जब हरोडा विधानसभा सीट हुआ करता था तब बसपा सुप्रीमो मायावती भी यहां से विधायक निर्वाचित हुई थीं. साल 1996 में मायावती ने हरोडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और मुख्यमंत्री भी बनी थीं. 2002 में भी मायावती इसी सीट से विधानसभा पहुंचीं. 2007 के चुनाव में भी ये सीट बसपा के पास ही रही और तब जगपाल इस सीट से जीते थे.
2017 का जनादेश
सहारनपुर देहात विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में कांग्रेस- सपा गठबंधन और बसपा उम्मीदवार के बीच हुआ. कांग्रेस और सपा गठबंधन के प्रत्याशी मसूद अख्तर ने बसपा के जगपाल को 12 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया. मसूद अख्तर को 87689 वोट मिले तो वहीं बसपा के जगपाल को 75365 वोट. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मनोज चौधरी 58752 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
सहारनपुर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम और दलित वर्ग के मतदाताओं की तादाद सर्वाधिक बताई जाती है. अनुमानों के मुताबिक मुस्लिम और दलित के अलावा गुर्जर, ठाकुर, सैनी, त्यागी, यादव, कश्यप, ब्राह्मण, बनिया और बढ़ई मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. जाट, प्रजापति, कोरी और धोबी मतदाता भी यहां अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
सहारनपुर देहात विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर का जन्म 18 अप्रैल 1962 को सहारनपुर जिले के भाऊपुर गांव में हुआ था. मसूद अख्तर की शादी 1986 में शमा परवीन के साथ हुई थी. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. वह पिछड़ा वर्ग (मुस्लिम गढ़ा) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. साल 1982 में मसूद अख्तर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया था.