scorecardresearch
 

भीड़ मामला: समाजवादी पार्टी के पास आज शाम तक का वक्त, चुनाव आयोग कर सकता है कार्रवाई

दिलचस्प ये है कि समाजवादी नेताओं ने राजनीतिक गलियारों में बवाल मचने पर अपनी इस रैली को वर्चुअल करार दिया था. आयोग सूत्रों ने पहले ही साफ कर दिया था कि इस चुनाव में राजनीतिक दलों, नेताओं, कार्यकर्ताओं या फिर जनता की कोई मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी क्योंकि करते ये लोग हैं और अदालत आयोग को दोषी ठहराती है.

Advertisement
X
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सपा को आज शाम तक चुनाव आयोग को देना है जवाब
  • जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर चुनाव आयोग करेगा कार्रवाई

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यालय पर सभा करने के मामले में चुनाव आयोग ने बेहद सख्त रुख दिखाया है. रविवार की शाम पांच बजे तक समाजवादी पार्टी को निर्वाचन आयोग को जवाब भेजना होगा कि आखिर उन्होंने 14 जनवरी को हजारों लोगों की सभा विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित अपने मुख्यालय पर कैसे की? 

Advertisement

इसका जवाब नहीं मिलने की स्थिति में आयोग उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 188, 269, 270, 341, 54 और तीन के तहत समुचित कार्रवाई करेगा. 

14 जनवरी को सपा मुख्यालय पर लगा था जमावड़ा

बता दें कि निर्वाचन आयोग ने 14 जनवरी को लखनऊ में हुए हजारों लोगों के जमावड़े पर समाजवादी पार्टी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है. समाजवादी पार्टी को रविवार शाम तक लिखित जवाब दाखिल करने की मोहलत दी गई है.

जवाब नहीं आने पर आयोग एकतरफा कार्रवाई करेगा. दरअसल लखनऊ में सपा कार्यालय में स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी में शामिल होने के मौके पर पार्टी के लगभग दो हजार समर्थक वहां जमा हुए थे. पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई नेताओं ने उनको संबोधित किया था. घंटों लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी के वहां जमे हुए थे.

Advertisement

SHO पर गिर चुकी है गाज

चुनाव आयोग ने शुरुआती दौर पर इसमें इलाके के SHO को दोषी पाते हुए निलंबित करने का आदेश शुक्रवार की रात को ही दे दिया था. साथ ही नेताओं के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर भी दर्ज करने के आदेश दिए थे. अब पार्टी नेताओं से भी इस पर जवाब मांगा गया है. 

समाजवादी पार्टी करार दिया था वर्चुअल रैली

दिलचस्प ये है कि समाजवादी नेताओं ने राजनीतिक गलियारों में बवाल मचने पर अपनी इस रैली को वर्चुअल करार दिया था.

आयोग सूत्रों ने पहले ही साफ कर दिया था की इस चुनाव में राजनीतिक दलों, नेताओं, कार्यकर्ताओं या फिर जनता की कोई मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी क्योंकि करते ये लोग हैं और अदालत आयोग को दोषी ठहराती है. 

आयोग ने भी शुक्रवार को हुई बैठक में पर्यवेक्षकों से कहा है कि वो हर जगह दिखें और मुस्तैद रहें. इस बार आयोग वीडियो ग्राफर और माइक्रो ऑब्जर्वर की संख्या भी बढ़ा चुका है. साथ ही सजग नागरिकों को भी Cvigil मोबाइल एप का औजार दे दिया है ताकि चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा सके.

ये भी पढ़ें:


 

Advertisement
Advertisement