जिन्ना, पाकिस्तान और मुस्लिम प्रत्याशी... उत्तर प्रदेश चुनाव में इन तीन शब्दों की खूब चर्चा है. समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को अपने 159 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, जिसमें 31 मुस्लिमों को टिकट दिया है. इस लिस्ट में कई मुस्लिम बहुल सीटों पर भी गैर मुस्लिमों पर दांव लगाया गया है. आइए जानते हैं इसके क्या मायने हैं-
अभी तक जारी प्रत्याशियों की लिस्ट में सपा और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) गठबंधन ने अब तक 36 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों का ऐलान किया है, लेकिन कई मुस्लिम बहुल सीटों पर ही मुस्लिम दावेदारों के टिकट पर कैंची चला दी गई है. सपा इसे अपनी रणनीति बता रही है, जबकि बीएसपी इसे मुस्लिमों को हिस्सेदारी न देने आरोप लगा रही है.
बसपा ने 104 में से 37 मुस्लिमों को दिया टिकट
बसपा की ओर से अभी तक 104 सीटों का ऐलान किया गया है, जिसमें 37 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिया है यानी बसपा अब तक करीब 35 फीसदी मुस्लिमों पर दांव लगा चुकी है, जबकि सपा गठबंधन ने अब तक करीब 180 सीटों का ऐलान कर दिया है, जिसमें से 36 सीटें यानी 20 फीसदी ही मुस्लिमों को टिकट दिया है.
मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने अब तक 24 प्रत्याशियों का ऐलान किया है, जिसमें 21 मुस्लिमों को टिकट दिया है. सपा ने उन सीटों पर भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा है, जहां पर मुस्लिमों की आबादी सबसे अधिक है, जैसे- मीरापुर, आगरा दक्षिण, बुलंदशहर, शिकंदारबाद, चरथावल, बढ़ापुर, बिजनौर, लोनी, पीलीभीत. इसको लेकर सपा के अंदरखाने ही विरोध के सुर मुखर हो रहे हैं. मीरापुर वह सीट है, जहां पिछली बार सपा प्रत्याशी महज 193 से वोट से हार गए थे जबकि कई मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इस बार मीरापुर से सपा ने गैर मुस्लिम को टिकट दे दिया है.
टिकट कटने पर हाजी रिजवान छोड़ चुके हैं पार्टी
यही वजह है कि सपा की लिस्ट आने के बाद ही कुंदरकी से विधायक हाजी रिजवान ने पार्टी छोड़ दी है. इसके अलावा कई मुस्लिम दावेदार अभी से दूसरी पार्टी में अपनी जगह तलाशने लगे हैं. हालांकि इमरान मसूद, कादिर राणा जैसे दिग्गज मुस्लिम नेता टिकट न मिलने के बाद भी सपा में बने हुए हैं.
2017 में 180 में से 50 सीटों पर सपा ने उतारे थे मुस्लिम कैंडिडेट
2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर पहले, दूसरे और तीसरे चरण की करीब 180 सीटों पर 50 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था. हालांकि अभी तक सपा की जो लिस्ट आई है, उसमें से कई मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया गया है, जैसे- पटियाली, कानपुर कैंट, बदायूं.
यूपी की 73 सीटों पर हार-जीत तय करते हैं मुस्लिम वोटर
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 143 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में हैं, जबकि इसमें से 73 सीटों पर वह हार-जीत तय करते हैं. इन सीटों पर मुस्लिम आबादी 35 से 50 फीसदी के करीब है. इसके बावजूद 2017 के चुनाव में सबसे कम मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीत पाए थे. मुस्लिमों की नुमाइंदगी को AIMIM अहम मुद्दा बना रही है.
हिस्सेदारी न देकर सॉफ्ट हिंदुत्व अपना रही है सपा: बसपा
2022 के चुनाव में सपा के टिकट बंटवारे में मुस्लिम प्रत्याशियों की हिस्सेदारी कम होने पर बसपा ने निशाना साधा है. बसपा प्रवक्ता फैजान खान ने कहा, 'सपा मुस्लिमों की राजनीति तो करती है, लेकिन उनको हिस्सेदारी नहीं देती है और सॉफ्ट हिंदुत्व अपनाती है जबकि बहनजी (मायावती) मुस्लिमों को उनकी आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी देती हैं.'
बीजेपी बोली- गुंडों-दंगाइयों-माफियाओं को सपा ने टिकट दिया
सपा प्रत्याशियों के लिस्ट पर बीजेपी ने भी हमला बोला है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा के उम्मीदवारों की लिस्ट देखकर लगता है कि ये वही पुरानी समाजवादी पार्टी हैं, जिसमें गुंडों, दंगाइयों और माफ़ियाओं को टिकट दिया हैं, जो दंगो में दोषी हैं और जेल में हैं या बेल और जो दागी हैं या बाग़ी हैं, उन्हें समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है.
सीटों के समीकरण के लिहाज से बांटे गए हैं टिकट: सपा
मुस्लिमों को कम टिकट दिए जाने पर सपा प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा, 'सपा सभी तबके को प्रतिनिधित्व दे रही है, यही वजह है कि 31 मुस्लिमों के अलावा 64 ओबीसी और 32 दलितों को टिकट दिया गया है, हमने सीटों के समीकरण को देखते हुए भी टिकट बांटे हैं और जहां तक नाराजगी की बात है तो सरकार आने पर सबको मैनेज किया जाएगा.'
अब तक सपा गठबंधन ने कितने मुस्लिमों को दिया है टिकट
1. बेहट- उमर अली खान
2. सहारनपुर ग्रामीण- आशु मलिक
3. कैराना- नाहिद हसन
4. थाना भवन- अशरफ अली
5. नजिबाबाद- तसलीम अहमद
6. धामपुर- नईमुलहसन
7. कांठ- कमाल अख्तर
8. ठाकुरद्वारा- नवाब जान
9. मुरादाबाद ग्रामीण- नासिर कुरैशी
10. मुरादाबाद शहर- युसुफ अंसारी
11. कुंदरकी- जियाउर्रहमान
12. बिलारी- इरफान फहीम
13. संभल- इकबाल महमूद
14. स्वार- अब्दुल्ला आजम
15. चमरौआ- नसीर खान
16. रामपुर- आजम खान
17. अमरोहा- महबूब अली
18. सिवालखास- गुलाम मोहम्मद
19. किठौर- शाहिद मंजूर
20. मेरठ- रफीक अंसारी
21. मेरठ दक्षिण- आदिल चौधरी
22. बागपत- अहमद हमीद
23. धौलाना- असलम चौधरी
24. बुलंदशहर- हाजी युनुस
25. स्याना- दिलनवाज खान
26. कोल- शाज इसहाक अज्जू
27. अलीगढ़- जफर आलम
28. फिरोजाबाद- सैफुर्रहमान
29. बहेड़ी- अताउर्रहमान
30. मीरगंज- सुल्तान बेग
31. भोजिपुरा- शहजील इस्लाम अंसारी
32. शाहजहांपुर- तनवीर खान
33. बिसवान- अफजल कौशर
34. शाहाबाद- आसिफ खान बब्बू
35. भोजपुर- अरशद जमाल
36. सिसामऊ- इरफान सोलंकी