उत्तर प्रदेश के संभल जिले के जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट है संभल विधानसभा सीट. संभल तहसील भी है. संभल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और ताज नगरी आगरा के नजदीक स्थित है. संभल जिले की सदर विधानसभा है संभल सीट. सात चरणों में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को संभल विधानसभा सीट के लिए मतदान होना है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
संभल विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट आजादी के बाद पहले चुनाव से ही अस्तित्व में है. यह विधानसभा सीट 1974 के बाद शफीकुर्रहमान बर्क और नवाब इकबाल महमूद का गढ़ रही है. शफीकुर्रहमान बर्क इस सीट से चार बार विधायक रहे तो वहीं इकबाल महमूद ने छह दफे इस सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. ये दोनों नेता समाजवादी पार्टी (सपा) से सियासत करते थे. संभल विधानसभा सीट सपा का गढ़ रही है.
2017 का जनादेश
संभल विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने अपने निवर्तमान विधायक इकबाल महमूद को टिकट दिया. सपा से टिकट नहीं मिलने पर शफीकुर्रहमान ने अपने पुत्र जियाउर्रहमान को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से चुनाव मैदान में उतार दिया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने डॉक्टर अरविंद को उम्मीदवार बनाया. सपा के इकबाल महमूद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जियाउर्रहमान को 18 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. बीजेपी के अरविंद तीसरे और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रफतउल्ला चौथे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
संभल विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस क्षेत्र की गिनती मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र में होती है. अनुमानों के मुताबिक संभल विधानसभा क्षेत्र में आधे से अधिक मतदाता मुस्लिम वर्ग के हैं. यादव और दलित मतदाता भी इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
संभल विधानसभा सीट से विधायक सपा के इकबाल महमूद का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का विकास हुआ है. इकबाल महमूद सपा की सरकार में मंत्री भी रहे हैं. संभल विधानसभा सीट से सपा ने इस दफे भी इकबाल महमूद पर दांव लगाया है. इकबाल के सामने इस बार बीजेपी से राजेश सिंघल, बसपा से शकील अहमद कुरैशी और कांग्रेस से निदा अहमद की चुनौती है.