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UP Election: संत कबीर नगर में 25 साल से एक ही मुद्दा, समस्या जस की तस

यूपी के संत कबीर नगर में एक मिल पिछले 25 सालों से बंद पड़ी है और हर चुनाव के दौरान इस मिल को खुलवाने का वादा यहां हर प्रत्याशी करता है लेकिन अब तक इस बंद पड़ी मिल को कोई भी प्रत्याशी नहीं खुलवा पाया है.

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25 सालों से बंद पड़ी है फैक्ट्री
25 सालों से बंद पड़ी है फैक्ट्री
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पांच हजार कर्मचारी करते थे काम
  • हर प्रत्याशी करता है मिल को खुलवाने का वादा

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में  25 साल से एक मुद्दा हर चुनावों का आकर्षण बनता है.  संत कबीर नगर में एक मिल पिछले 25 सालों से बंद पड़ी है और हर चुनाव के दौरान इस मिल को खुलवाने के वादा यहां का हर प्रतयाशी प्रत्याशी करता है. बताया जा रहा है कि यह मिल साल 1997 में मालिकों और कर्मचारियों के बीच हुए मामूली विवाद के कराण बंद हुई थी. जो आजतक नहीं खुल सकी है. 

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इस मिल में करीब 5 हजार कर्मचारी काम करते थे और 50 हजार से ज्यादा लोगों का पेट इस मिल द्वारा भरा जाता था. संत कबीर नगर के मगहर नगर पंचायत क्षेत्र में 1977 में यह कताई मिल स्थापित हुई थी, जो करीब 20 सालों तक चली. यहां तैयार सूत प्रदेश के मऊ, आजमगढ़, कानपुर, अकबरपुर, टांडा, मेरठ के अलावा देश की आर्थिक राजधानी मुंबई, गुजरात, बंगाल  के अलावा कई स्थानों पर सप्लाई होता था. 

 यहां काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो हर चुनाव में इस मिल को फिर से चालू करने का मुद्दा रहता है. हर नेता यही वादा करता है कि उसके  जीतने पर मिल शुरू होगीऔर  लोगों को रोजगार मिलेगा.   इस बार आम जनता ने  तय किया है कि जो भी प्रत्याशी इस मिल को खुलवाने का वादा करेगा और उसके जीतने पर मिल नहीं खुलेगी तो वो जीवन में उसे कभी वोट नहीं देंगे. उत्तर प्रदेश के चुनाव अब आखिरी चरण में चल रहे हैं. पूर्वांचल में रोजगार की दिक्कत सब जगह है. यहां की जनता उम्मीद कर रही है कि जो  25 सालों से नहीं हुआ वो अब होगा. लोगों को फिर से इस मिल में काम करने का मौका मिलेगा. 

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