यूपी के मेरठ जिले की सरधना विधानसभा सीट सूबे की उन सीटों की फेहरिश्त में है जहां समाजवादी पार्टी (सपा) कभी नहीं जीत सकी. मेरठ शहर की सबसे हॉट सीट सरधना किसी पहचान की मोहताज नहीं है. मेरठ के सरधना में प्राचीन शिव मंदिर है तो साथ ही ऐतिहासिक चर्च भी जिसे बेगम समरू चर्च भी कहा जाता है.
सरधना विधानसभा सीट मेरठ जिले की है लेकिन लोकसभा चुनाव में यहां के मतदाता मुजफ्फरनगर सीट से सांसद चुनने के लिए मतदान करते हैं. सांप्रदायिक लिहाज से ये सीट काफी संवेदनशील है. इस इलाके में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, स्ट्रीट लाइट प्रमुख मसले हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सरधना विधानसभा सीट पर किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार जीतते रहे हैं. चुनावी अतीत की बात करें तो 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चंद्रवीर सिंह ने राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की तबस्सुम बेगम को हराया था. तब बीजेपी के विजय पाल सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.
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सरधना विधानसभा सीट से 2012 के चुनाव में बीजेपी ने संगीत सोम को चुनाव मैदान में उतारा. बीजेपी के संगीत सोम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आरएलडी के हाजी मोहम्मद याकूब कुरैशी को हराया था. सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान तीसरे स्थान पर रहे थे. बसपा उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक चंद्रवीर सिंह चौथे स्थान पर खिसक गए थे.
2017 का जनादेश
सरधना विधानसभा सीट से बीजेपी के संगीत सोम लगातार दूसरी दफे विधायक निर्वाचित हुए. संगीत सोम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के अतुल प्रधान को 21 हजार से अधिक वोट के अंतर से हराया. बसपा के इमरान याकूब तीसरे स्थान पर रहे. अतुल प्रधान ने इस सीट से दो दफे अपनी किस्मत आजमाई और दोनों ही दफे हार का सामना करना पड़ा.
सामाजिक ताना-बाना
सरधना विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम अच्छी तादाद में हैं. यहां ठाकुर, जाट, दलित वोटरों की संख्या भी ठीक-ठाक है. ठाकुर चौबीसी भी सरधना विधानसभा क्षेत्र में ही है. एक अनुमान के अनुसार इस सीट पर 60 से 65 हजार ठाकुर, 50 से 55 हजार जाट, 85 से 95 हजार मुस्लिम, 45 से 50 हजार एससी और 30 से 35 हजार गुर्जर मतदाता हैं. जातीय समीकरण इस सीट का परिणाम तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा सीट से ज्यादातर ठाकुर और जाट प्रत्याशी ही जीतते आए हैं. सपा को आज तक इस सीट पर एक दफे भी जीत नसीब नहीं हुई है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
सरधना विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक संगीत सोम की गिनती पार्टी के फायरब्रांड नेताओं में होती है. मुजफ्फरनगर दंगों में भी संगीत सोम का नाम आया था. संगीत सोम का दावा है कि इस इलाके में उनके 10 साल के कार्यकाल में विकास की गंगा बही है. विपक्षी दलों के नेता विधायक के दावों को हवा-हवाई बता रहे हैं.