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UP Election 7th Phase: आखिरी चरण का मतदान कल, क्या परीक्षा में पास हो पाएंगे पूर्वांचल के बाहुबली

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में आ गया है. कल 7वें और आखिरी चरण का मतदान है. इस चरण में पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. कुल 613 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. दो करोड़ मतदाता इन प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे. 

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पूर्वांचल के बाहुबलियों की परीक्षा कल
पूर्वांचल के बाहुबलियों की परीक्षा कल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 7वें चरण में 9 जिले की 54 सीटों पर होगा मतदान
  • 2 करोड़ वोटर 613 उम्मीदवारों की तय करेंगे किस्मत
  • वाराणसी में योगी सरकार के तीन मंत्रियों की साख दांव पर

यूपी विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में चंदौली, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, सोनभद्र और वाराणसी में मतदान होना है. एक तरफ जहां योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों की साख दांव पर लगी है. वहीं दूसरी तरफ कभी योगी सरकार में सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर भी चुनाव मैदान में हैं. वहीं ऐसे कई बाहुबली भी हैं, जिनके लिए यह चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. भदोही से विजय मिश्रा चुनाव मैदान में हैं तो जौनपुर में बाहुबली धनंजय सिंह खुद ताल ठोक रहे हैं. वहीं जेल में बंद मुख्तार अंसारी के खानदान की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. आइये जानते हैं कि आखिरी चरण में ऐसे कौन से दिक्कत हैं, जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर है.

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वाराणसी दक्षिणी सीट से मंत्री नीलकंठ तिवारी मैदान में 
वाराणसी की दक्षिणी सीट से धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी चुनाव मैदान में हैं. यह सीट तीन दशकों से बीजेपी के पास है. इस सीट पर सपा ने अपनी युवा विंग में लंबे समय से सक्रिय कामेश्वरनाथ दीक्षित किशन को मैदान में उतारा है. किशन प्रतिष्ठित महामृत्युंजय महादेव मंदिर महंत परिवार से हैं. वहीं कांग्रेस ने शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी परिवार की बहू मुदिता कपूर को टिकट दिया है. उनके पति गौरव लंबे समय से कांग्रेस आईटी सेल को लीड कर रहे हैं. बसपा से दिनेश कसौधन तो आप से पार्षद अजीत सिंह मैदान में हैं.

वाराणसी शहर उत्तरी सीट से उतरे मंत्री रविंद्र जायसवाल 
वाराणसी की शहर उत्तरी सीट भी हॉट सीट मानी जा रही है क्योंकि यहां पर योगी सरकार में मंत्री रविंद्र जायसवाल चुनाव मैदान में हैं. जयसवाल तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के अशफाक अहमद से है. कांग्रेस ने गुलराना तबस्सुम को चुनाव मैदान में उतारा है तो बहुजन समाज पार्टी से श्याम प्रकाश राजभर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

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शिवपुर में अनिल राजभर की किस्मत दांव पर
भाजपा के लिए प्रतिष्ठापरक शिवपुर सीट इस बार दो कारणों से खास है. यहां कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर एक बार फिर भाजपा से मैदान में हैं. उनके सामने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ताल ठोंक रहे हैं. सुभासपा पिछली बार भाजपा के साथ थी तो अब इस बार सपा के साथ है. इस क्षेत्र का चुनाव परिणाम दो राजभर नेताओं की पैठ का आकलन भी कराएगी. राजभर, यादव व मौर्य बहुल इस सीट पर लड़ाई टक्कर की नजर आ रही है. हालांकि कांग्रेस ने यहां से गिरीश पांडेय, बसपा ने रवि मौर्या व अपना दल ने सतीश सिंह को टिकट दिया है.

पिंडरा में फिर अवधेश सिंह-अजय राय आमने-सामने
पिंडरा सीट पर भाजपा विधायक अवधेश सिंह दूसरी बार मैदान में हैं लेकिन इस सीट पर सबकी निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को लेकर टिकी हुई हैं. राय को अवधेश सिंह ने  2017 में हरा दिया था. इस सीट पर अपना दल (क) ने अपने पदाधिकारी राजेश पटेल को मैदान में उतारते हुए समीकरण साधने का प्रयास किया है.

मिर्जापुर में मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल को कड़ी टक्कर
मिर्जापुर की मड़िहान विधान सभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर है. वह दूसरी बार इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने समाजवादी पार्टी से रविन्द्र बहादुर  पटेल, बसपा से नरेंद्र कुशवाहा और अपना दल(कमेरावादी) से अवधेश कुमार सिंह उर्फ पप्पू पटेल है. यह सीट त्रिकोणीय लड़ाई में फसती हुई दिखाई दे रही है.

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पिता की विरासत 'चुनार' से बेटा फिर लड़ रहा चुनाव
मिर्जापुर जिले की चुनार विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री रहे ओम प्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. अनुराग इस सीट से दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. उनका मुकाबला सपा गठबंधन प्रत्यासी अपना दल(कमेरावादी)  के आर. एस. पटेल से है. बसपा से इस सीट पर विजय सिंह पटेल है. चुनार विधान सभा सीट अनुराग सिंह के परिवार का गढ़ है. इससे पहले इस सीट से ओम प्रकाश सिंह लागातर सात बार विधायक रहे हैं.

औराई में दीनानाथ भास्कर का अंजनी से मुकाबला 
भदोही की सुरक्षित विधानसभा औराई से पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर चुनाव मैदान में हैं. उनका सीधा मुकाबला सपा की अंजनी सरोज से है. वहीं कांग्रेस ने अंजू कनौजिया को प्रत्याशी बनाया है. दीनानाथ को दलितों के बड़े चेहरे के रूप में देखा जाता है. वह बसपा के संस्थापक सदस्यों में एक हैं. उन्हें बसपा संस्थापक कांशीराम का खास माना जाता रहा है. दीनानाथ भास्कर कई बार मंत्री और विधायक रहे हैं.

इस बार जेल से ही चुनाव लड़ेंगे विजय मिश्रा
भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा से लगातार चार बार के विधायक बाहुबली विधायक विजय मिश्रा इस बार जेल से चुनाव लड़ेंगे. आगरा जेल में बंद विधायक इस बार स्थानीय पार्टी प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने विपुल दुबे, सपा ने रामकिशोर बिंद, बसपा ने उपेंद्र सिंह और कांग्रेस ने सुरेश चंद्र मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है. 

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मऊ में मुख्तार अंसारी की विरासत बचाने उतरा बेटा
मऊ सदर विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए सपा गठबंधन वाली सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. मुख्तार अंसारी इस सीट से 25 साल से विधायक हैं. अब्बास अंसारी इसके पहले भी 2017 में घोसी विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अब्बास अधिकारियों का हिसाब किताब करने की बात कह रहे थे. हालांकि इसके बाद इनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज हो गया था और चुनाव आयोग ने उन पर 24 घंटे के लिए प्रचार पर बैन लगा दिया था. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर भी इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं जिनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.

भाजपा छोड़ सपा आए, घोसी सीट पर दारा चलेंगे दांव 
मऊ की घोसी विधानसभा सीट से योगी सरकार में वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इन्होंने चुनाव से कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देकर सपा जॉइन किया. उनकी इस बार लड़ाई बहुजन समाज पार्टी के वसीम इकबाल चुन्नू और भाजपा को विजय राजभर से है.

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बिहार राज्यपाल के बेटे मधुबन से आजमा रहे किस्मत
मऊ की मधुबन विधानसभा सीट से बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे रामविलास चौहान भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. रामविलास का अपना कोई पुराना राजनैतिक कैरियर नहीं रहा है. पिता की वजह से ही उनको टिकट मिला है. इनको टिकट मिलने के बाद वहां पर इनका काफी विरोध भी हुआ था और टिकट की मांग कर रहे भाजपा नेता भरत भैया बागी होकर वीआईपी पार्टी से इनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. सपा ने उमेश पांडे, कांग्रेश ने अमरेश चंद्र पांडे तो वहीं बसपा ने नीलम कुशवाहा को मैदान में लगाया है.

आजमगढ़ सदर से दुर्गा ने संभाला सपा का दुर्ग
सपा के दिग्गज नेता दुर्गा प्रसाद यादव सदर विधानसभा से अब तक 8 बार जीत दर्ज कर चुके हैं. इस बार इनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश मिश्रा उर्फ गुड्डू मिश्रा से है. दुर्गा प्रसाद अब तक 2 बार सपा कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं और सदर विधानसभा से लगभग 40 वर्षों से जीत हासिल करते आ रहे हैं.  बसपा से सुशील सिंह व कांग्रेस से प्रवीण सिंह को टिकट मिला है. 

मल्हनी में धनंजय सिंह बनाम विधायक लकी यादव
जौनपुर की मल्हनी सीट पर पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह और सपा विधायक लकी यादव आमने-सामने हैं. इस सीट पर धनंजय सिंह जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर मैदान में हैं. वहीं सपा से पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव दोबारा मैदान में उतरे हैं. जपा ने पूर्व सांसद डॉक्टर के पी सिंह और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला तो बसपा ने शैलेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. धनंजय सिंह जनवरी में उस समय कई दिन तक सुर्खियां बन गए थे जब करियांव प्रीमियर लीग मीरगंज के उद्घाटन समारोह के दौरान उनका विडियो वायरल हो गया था. दरअलस लखनऊ पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था जबकि वह घुलेआम घूमते नजर आए थे. सपा ने इस मामले को पूरे चुनाव में मुद्दा बनाया.

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सपा ने जफराबाद से पूर्व मंत्री जगदीश राय को उतारा
जौनपुर की जफराबाद विधानसभा में सपा गठबंधन से पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय के मैदान में आने से लड़ाई रोचक हो गई है. जगदीश राय मायावती सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. इस बार सुभासपा से मैदान में हैं. भाजपा के विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह, बसपा के राजा संतोष मिश्रा तो कांग्रेस के मलक्ष्मी नागर इस बार उन्हें टक्कर दे रहे हैं.

सदर सीट पर राज्यमंत्री गिरीश बनाम अरशद खान
जौनपुर सदर सीट योगी सरकार में राज्य मंत्री गिरीश चंद यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. दरअसल सपा ने पूर्व विधायक अरशद खान, कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधायक नदीम जावेद को अपना प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने सांसद श्याम सिंह यादव के खासम खास सलीम खान को मैदान में उतारा है. इस सीट पर सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है.

शाहगंज से चार बार विधायक रहे ललई मैदान में
जौनपुर जिले की शाहगंज विधानसभा सीट पर अखिलेश सरकार में मंत्री रहे शैलेंद्र यादव ललई की प्रतिष्ठा दांव पर है. ललई 4 बार विधायक रह चुके हैं. 2003 में मुलायम सिंह मंत्रिमंडल में और 2012 में अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में शैलेंद्र यादव मंत्री रह चुके हैं. वहीं भाजपा गठबंधन से निषाद पार्टी ने प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह के बेटे रमेश सिंह को मैदान में उतारा है. बसपा ने इंद्रदेव यादव को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने परवेज आलम भुट्टो को मैदान में उतारकर लड़ाई को चतुष्कोण करने का प्रयास किया है.

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जहूराबाद से ओमप्रकाश राजभर ठोक रहे ताल
गाजीपुर की जहूराबाद सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यहां सपा गठबंधन से सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान विधायक ओमप्रकाश राजभर चुनाव मैदान में हैं. इनका मुकाबला सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहीं शादाब फातिमा से है. शादाब इस बार बसपा से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं इस सीट पर बसपा से दो बार क्षेत्रीय विधायक रहे कालीचरण राजभर भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं.

मोहम्दाबाद में अंसारी परिवार की साख दांव पर
मोहम्दाबाद सीट गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व विधायक शिबगतुल्लाह और मऊ विधायक मुख्तार अंसारी का गढ़ मानी जाती है. इस बार यहां से अंसारी परिवार के उत्तराधिकारी के रूप में शोएब अंसारी अपने पिता पूर्व विधायक शिबगतुल्लाह अंसारी की विरासत संभालने के लिए सपा से चुनाव लड़ रहे हैं. इनके खिलाफ भाजपा से मौजूदा विधायक अलका राय चुनाव मैदान में है. वहीं बीएसपी के माधवेन्द्र राय प्रत्याशी हैं, लेकिन अलका राय और शोएब अंसारी के बीच मुकाबला माना जा रहा है.

जमानिया पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी सिंह को कड़ी टक्कर
गाजीपुर की जमानिया सीट पर मुकाबला रोचक है. पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर खिसक गए समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. ओमप्रकाश सिंह  समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं, जो गाजीपुर के सांसद के साथ-साथ कई बार और समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इस सीट पर मुख्य रूप से बीजेपी ने वर्तमान महिला विधायक सुनीता सिंह को फिर से प्रत्याशी बनाया है जबकि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में शुमार इस सीट से परवेज खान बीएसपी के प्रत्याशी हैं. माना जा रहा है कि इन तीनों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है.

गाजीपुर सदर सीट से राज्य मंत्री संगीता बिंद की किस्मत दांव पर
गाजीपुर सदर एक ऐसी सीट है, जहां पिछले पांच दशक से इस सीट पर कोई दुबारा चुनाव नहीं जीत पाया. इस सीट से वर्तमान विधायक और सूबे की सहकारिता राज्यमंत्री डॉ. संगीता बलवंत बिन्द को बीजेपी ने फिर से प्रत्याशी बनाया है. बिंद समाज के प्रतिनिधित्व करने वाली संगीता की अपने समाज में काफी अच्छी पकड़ है. दूसरी तरफ इस सीट पर हार-जीत तय करने वाले वैश्य समाज में सेंध मारते हुए समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी जय किशन साहू को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर बसपा प्रत्याशी पूर्व विधायक रहे डॉ. राजकुमार सिंह गौतम के साथ सर्वाधिक 19 प्रत्याशी इस सीट से मैदान में हैं.

इनपुट: वाराणसी से रोशन जायसवाल, गाजीपुर से विनय कुमार सिंह, मिर्जापुर से सुरेश सिंह, भदोही से महेश जायसवाल, मऊ से दुर्गा किंकर सिंह, आजमगढ़ से राजीव कुमार और जौनपुर से राजकुमार सिंह के इनपुट के साथ

 

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