Shamli Vidhan sabha Result 2022 Live Updates: उत्तर प्रदेश में 2022 के रिजल्ट आ गए हैं. BJP के लिए नाक और प्रतिष्ठा की सीट रहा कैराना जिसको बीजेपी हार गई है. जाटलैंड की इस सीट को जिताने और यहां से राजनीति के समीकरण को तय करने के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह भी पहुँचे थे.
यहां से हिन्दू पलायन का मुद्दा भी उठाया गया उसके बावजूद भी बीजेपी की प्रत्याशी मृगांका सिंह नहीं जीत पाई. कैराना सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नाहिद हसन ने जेल में रहते हुए जीत दर्ज की. इस जीत को दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी ने कैराना में पूरा दारोमदार विदेश से पढ़ी उनकी बहन इकरा हसन को दे रखा था, नाहिद हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को 25887 वोटों से परास्त किया.
इकरा हसन ने आजतक से बातचीत में कहा कि कैराना की जनता ने इस बार फिर बीजेपी को जवाब दिया है कि पलायन कोई मुद्दा नहीं रहा है इसके लिए बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने झूठ फैलाने की कोशिश की है जीत इस बार सच्चाई की हुई है. जिस तरीके से कैराना की जनता ने बीजेपी को जवाब दिया वैसे में हम यह कह सकते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कह रहे थे कि गर्मी- सर्दी और गर्मियों में शिमला का एहसास कराना वह किसी संवैधानिक पद पर रहते हुए व्यक्ति के द्वारा कहा जाना ठीक नहीं होता है. कैराना की जनता ने हमें जीत देकर उल्टा उनको एहसास करा दिया है.
क्या जाट-मुस्लिम फैक्टर कामयाब रहा?
रिजल्ट और चुनाव परिणाम के बाद पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में मुस्लिम जाट और किसान कॉम्बिनेशन कामयाब दिखता पड़ रहा है. यही वजह है कि पूरे प्रदेश में प्रचंड जीत हासिल करने वाली बीजेपी को कैराना के नज़दीक शामली जिले की तीनों सीटें गंवानी पड़ी एक वर्ग ऐसा भी है जो ये मानता है कि पहले चरण के चुनाव में आने वाली जाटलैंड की कुछ सीटों पर जाट मुस्लिम फैक्टर कामयाब रहा क्योंकि शामली, बागपत मुजफ्फरनगर के कई ऐसे इलाके है जो सीधे सीधे 27 प्रतिशत मुसलमान और 17 फीसदी जाट वाले फैक्टर का दबदबा रखते है. यानी दोनों मिलाकर 44 प्रतिशत वोट हो जाता है और इस 44% वोट का एक अलग मायने ही रहता है.
शामली के साथ साथ जो इससे जुड़े हुए दूसरे जिले जैसे मुजफ्फरनगर यहां पर जाट और मुस्लिम फैक्टर देखने को मिला जिसका परिणाम यह हुआ कि यहां से 6 विधानसभा सीटों में 4 पर गठबंधन प्रत्याशी की जीत दर्ज हुई. वहीं BJP ने यहां 2 सीटों पर अपना परचम लहराया. 2013 में मुजफ्फरनगर के दंगे के बाद जाटलैड के कई जिलों में भगवा लहराया था. 2017 चुनाव की बात करें तो मुजफ्फरनगर आरएलडी के लिए बड़ा झटका साबित हुआ था इससे सामाजिक विभाजन पैदा हुआ और रालोद का पारंपरिक जाट वोट BJP में शिफ्ट हो गया.
इसके चलते 2014 के लोकसभा चुनाव में रालोद के उस समय प्रमुख रहे अजीत सिंह और उनके बेटे अपनी सीट तक नहीं बचा पाए और चुनाव हार गए. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद को मात्र एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था. पर इस बार जाट जोकि जो कि परंपरागत तौर पर खेती करने वाले माने जाते हैं वह पुराने जाट और मुस्लिम फैक्टर कुछ ही हद तक सही साधने में कामयाब हुआ तो पर चुनाव में वह जीत आरएलडी और सपा गठबंधन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट लैंड में नहीं दिला पाई.
वैसे शामली की तीनों ही विधानसभा सीटों पर वोटिंग की बात की जाए तो फर्स्ट डिवीजन से पास हुए. कैराना में 75.01 प्रतिशत वोटिंग हुई. शामली सीट पर 67.58 प्रतिशत तो थानाभवन में 67.86 प्रतिशत वोटिंग हुई. इसी बीच आजतक से बातचीत में नाहिद हसन की बहन इकरा हसन ने कहा था कि समाजवादी पार्टी की कैराना से जीत सुनिश्चित है.
कैराना की 3 सीटों का रिजल्ट (Kairana 3 Assembly seats Result 2022)
कैराना (Kairana Assembly Seat Result 2022): इस सीट को नाहिद हसन ने जीता है. वहीं बीजेपी की मृगांका सिंह (Mriganka Singh) हार गई हैं. नाहिद हसन ठबंधन के SP के टिकट पर उम्मीदवार थे. जो फिलहाल जेल में हैं. कांग्रेस ने अखलाक, बसपा ने राजेंद्र, आप ने संगीता को मैदान में उतारा है. 2017 में इस सीट को नाहिद हसन ने जीता था.
शामली: इस सीट से गठबंधन के RLD के टिकट पर उम्मीदवार परसन्न कुमार, BJP के तेजेंद्र सिंह, BSP के बिजेंद्र, कांग्रेस के मोहम्मद अयूब जंग हैं. शामली सीट को 2017 में तेजेंद्र निर्वाल ने अपने नाम किया था. पर इस बार गठबंधन प्रत्याशी प्रशन चौधरी ने 7107 वोट से BJP के प्रत्याशी तेजेंदर निर्वाल को हराया.
थाना भवन (Thana Bhawan Assembly Seat Result 2022): गठबंधन से RLD के उम्मीदवार अशरफ अली खान ने सुरेश राणा को 10806 वोंटों से हराया. थाना भवन सीट 2017 में सुरेश राणा ने जीती थी.