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Shivpur Assembly Seat: अनिल राजभर हैं विधायक, आसान नहीं होगी 2022 की राह

शिवपुर विधानसभा सीट से विधायक अनिल राजभर को बीजेपी ओमप्रकाश राजभर का साथ छूटने के बाद बड़े राजभर नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करती रही है.

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यूपी Assembly Election 2022 शिवपुर विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 शिवपुर विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अनिल राजभर 2017 में बीजेपी के टिकट पर जीते थे चुनाव
  • अनिल को बड़े राजभर नेता के रूप में प्रोजेक्ट कर रही बीजेपी

आध्यात्मिक नगरी वाराणसी की एक विधानसभा सीट है शिवपुर विधानसभा सीट. ये सीट पहले चिरईगांव विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी. साल 2012 में हुए परिसीमन के बाद चिरईगांव सीट का नाम बदलकर शिवपुर विधानसभा सीट कर दिया गया. इस विधानसभा सीट के तहत चिरईगांव ब्लॉक के 192 नए बूथ और 96 गांव आते ही हैं. साथ ही काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 12 गांवों के 58 बूथ, हरहुआं ब्लॉक के 30 गांवों के 57 बूथ भी शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में शामिल किए गए.

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कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद का गांव लमही भी इसी विधानसभा सीट के तहत आता है. बनारस के रिंग रोड का 40 फीसदी हिस्सा शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरता है. शिवपुर विधानसभा क्षेत्र आध्यात्मिक लिहाज से भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. शिवपुर को पंचकोशी यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में कपिल मुनि पड़ाव के लिए भी जाना जाता है. ये कपिलधारा के नाम से भी चर्चित है. कभी यहां घर-घर कुटीर उद्योग भी हुआ करते थे.

शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में ही आता है मुंशी प्रेमचंद का गांव लमही
शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में ही आता है मुंशी प्रेमचंद का गांव लमही

राजनीतिक पृष्ठभूमि

शिवपुर विधानसभा सीट वाराणसी जिले की ऐसी सीट है जो लोकसभा में चंदौली सीट के तहत आती है. नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उदयलाल मौर्या विधायक निर्वाचित हुए तो साल 2017 के चुनाव में इस सीट के मतदाताओं ने कमल खिला दिया.

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2017 का जनादेश

शिवपुर विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अनिल राजभर को चुनावी रणभूमि में उतारा. बीजेपी के पिछड़ा चेहरे अनिल राजभर ने इस सीट से चुनावी बाजी जीती भी. बीजेपी के अनिल राजभर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के आनंद मोहन यादव को करीब 54 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया. बसपा के वीरेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.

सामाजिक ताना-बाना

शिवपुर विधानसभा सीट की गिनती यादव बाहुल्य सीट के रूप में होती है. दलित, पटेल, राजभर और मुसलमान वोटर भी यहां अच्छी तादाद में हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन साढ़े तीन लाख मतदाता हैं. बुनकर बाहुल्य लोहता भी इसी विधानसभा सीट के तहत आता है.

बुनकरों की समस्याएं भी हैं मुद्दा
बुनकरों की समस्याएं भी हैं मुद्दा

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

शिवपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक अनिल राजभर का जन्म 2 मई 1973 को नवी मुंबई में हुआ था. अनिल राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर धामापुर और चिरईगांव विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर विधायक भी रहे हैं. 1994 में चंदौली जिले के सकलडीहा कॉलेज से पढ़ाई के दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए. अनिल राजभर जिला पंचायत सदस्य भी रहे और 2017 में शिवपुर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए.

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अनिल राजभर
अनिल राजभर

क्षेत्रीय विधायक अनिल राजभर ने अपनी उपलब्धियों के रूप में केंद्र सरकार की ज्यादातर योजनाएं गिना दिए. उन्होंने रिंग रोड, गोरखपुर मार्ग, बस्ती हाईवे और जौनपुर-सुल्तानपुर हाईवे तक की सड़क को भी अपनी उपलब्धि बताया. विधानसभा क्षेत्र में कई सड़कों के निर्माण गिनाए और कहा कि उदयपुर में एक आयुर्वेद कॉलेज भी बन रहा है. करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से दिव्यांगों के लिए विद्यालय का जल्द शिलान्यास किए जाने की जानकारी देते हुए कई प्रस्तावित कार्य भी गिनवा दिए.

गौरतलब है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जब बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया, तब अनिल राजभर को मंत्रिमंडल में जगह मिली. ओमप्रकाश राजभर का साथ छूटने के बाद बीजेपी अनिल राजभर को बड़े राजभर नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करती रही है.

 

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