यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही प्रदेश में गठजोड़ की राजनीति भी तेज हो गई है. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे और बीजेपी में भागमभाग के बीच भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं. दोनों नेताओं की यह मुलाकात जनेश्वर ट्रस्ट में हो रही है. दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ओमप्रकाश राजभर ने करवाई है. चंद्रशेखर और अखिलेश यादव की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब कई बीजेपी विधायक और नेता सपा में शामिल हो चुके हैं.
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बातचीत होगी. 2022 के चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए समाजवादी पार्टी पहले ही सुभासपा और आरएलडी के साथ हाथ मिला चुकी है. हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक अंतिम मुहर नहीं लगी है.
नेताओं को अपने पक्ष में लाने में जुटे अखिलेश
चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही अखिलेश यादव नेताओं को अपने पक्ष में लाने में जुटे हुए हैं. पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी छोड़ चुके हैं और वह सपा में जाने का लगभग मन बना चुके हैं. इसके बाद से ही बीजेपी के कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. गुरुवार तक बीजेपी के तीन मंत्रियों समेत कई विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और उनमें से कुछ समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो चुके हैं. ऐसे में चंद्रशेखर की अखिलेश यादव से मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.
अखिलेश के लिए चंद्रशेखर होंगे फायदेमंद!
चंद्रशेखर समाजवादी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होंगे अगर ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. प्रदेश में दलित समुदाय की आबादी करीब 22 फीसदी हिस्सा है और पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 85 दलितों के लिए आरक्षित है और चंद्रशेखर दलित समाज के युवा नेता के तौर पर उभरे हैं. अगर चंद्रशेखर अखिलेश के साथ गठबंधन करते हैं तो पश्चिमी यूपी में बसपा, बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलेगी.