एक तरफ गृहमंत्री अमित शाह आज यानी शनिवार को यूपी की सियासी गर्माहट नापने पूर्वांचल के काशी और अखिलेश यादव के सांसदीय क्षेत्र आजमगढ़ आ रहे हैं. तो वहीं, सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर में सेंधमारी करने की तैयारी में हैं.
बात केवल आज की नहीं है, बल्कि आने वाले दिनों में भी एक ही दिन अलग-अलग जिलों से दोनों बीजेपी और सपा एक दूसरे से टक्कर लेते नजर आने वाले हैं. 13 नवंबर के बाद 16 नवंबर को जब पीएम मोदी और सीएम योगी पूर्वांचल को साधते हुए यूपी को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का तोहफा देने वाले हैं, तो वहीं उसी दिन अखिलेश गाजीपुर में विजय रथ के जरिए पूर्वांचल में पार्टी की बिसात मजबूत करेंगे.
शनिवार सुबह 10 बजे अखिलेश गोरखपुर एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे और लगभग 11 बजे से विजय रथ यात्रा निकाली जानी है. रथयात्रा दिन भर भ्रमण करेगी और कई जगह सभाओं का आयोजन भी किया जाएगा.
13 नवंबर की यात्रा विधानसभा हाटा से शुरू होगी और रामकोला के कप्तानगंज से खड्डा विधानसभा के पकड़ियार बाजार से होकर पडरौना में महाराणा प्रताप चोंक में समाप्त होगी, जिसके बाद अखिलेश कुशीनगर के लिए रवाना हो जाएंगे जहां अगले दिन उनकी रथ यात्रा होनी है.
दूसरे दिन यानि 14 नवंबर को यह यात्रा कुशीनगर चौराहे से शुरू होकर फाजिलनगर, तमकुहीराज, किसान पीजी कॉलेज, गुलवारिया बाजार से होती हुई कुशीनगर विधान सभा के कसया बाजार मालती पांडेय कॉलेज में खत्म होगीय यहीं पर विजय रथ यात्रा के तीसरे चरण का समापन होगा जिसके बाद अखिलेश लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे.
15 नवंबर को लखनऊ में रहने के बाद अखिलेश एक बार फिर ठीक उसी दिन जब पीएम मोदी पूर्वांचल में एक्सप्रेसवे के कार्यक्रम में रहेंगे तभी वह गाजीपुर से विजय रथ यात्रा शुरू करेंगे जिसका समापन अगले दिन यानी 17 नवंबर को उन्ही के संसदीय छेत्र आजमगढ़ में होगा. अमित शाह के दौरे के बाद अखिलेश का आजमगढ़ जाना राजनीतिक कारणों से दिलचस्प होने वाला है.
पीएम मोदी आजमगढ़ को देते हैं खासा महत्व
आजमगढ़ सपा और बसपा का बड़ा किला है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आजमगढ़ को खासा महत्व देते हैं. साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने यहां बड़ी जनसभा को संबोधित किया था. सपा-बसपा के इस किले में सेंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार महीने में तीन बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके हैं. इसका एक बड़ा कारण आजमगढ़ की भौगोलिक स्थिति भी है. इस जिले की सीमाएं जौनपुर, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, गोरखपुर से घिरी हैं. समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया के जमाने से ये जिला समाजवादी विचारधारा से काफी प्रभावित रहा है. यहां करीब 45 प्रतिशत यादव-मुस्लिम मतदाता हैं. अगड़ी जातियां 24 प्रतिशत के करीब हैं. जबकि दलित 30 प्रतिशत के आस-पास हैं. इस समाजिक समीकरण के चलते वर्षों से यह जिला सपा-बसपा का गढ़ बना हुआ है.
2017 में बीजेपी ने पूर्वांचल में बड़ी बढ़त बनाई
यूपी के पूर्वांचल में 28 जिलों की 164 विधानसभा सीटें है. वर्ष 2017 से पहले तक पूर्वांचल सपा का गढ़ माना जाता था. वर्ष 2017 में बीजेपी ने पूर्वांचल में बड़ी बढ़त बनाई और सत्ता की कुर्सी पर बैठी. वर्ष 2017 में बीजेपी को पूर्वांचल की 28 जिलों की 164 विधानसभा सीट में से 115 सीटें मिली थीं. अब मुख्यमंत्री और बीजेपी संगठन इस रिकॉर्ड को कायम रखना चाहते हैं. अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ में यूनिवर्सिटी बनाए जाने की योजना तैयार की. आनन फानन में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए जमीन खोजी गई.
आजमगढ़ में यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखेंगे शाह
अब 13 नवंबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गृहमंत्री अमित शाह आजमगढ़ में इस यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखेंगे. इस दौरान उनकी अकबेलपुर में जनसभा भी होगी. इस जनसभा के जरिए योगी आदित्यनाथ तथा अमित शाह पूरे पूर्वांचल को साधने की कोशिश करेंगे. आजमगढ़ की धरती से यह दोनों नेता अखिलेश यादव को निशाने पर लेकर एक बार फिर पूर्वांचल में पार्टी की जीत का खांका भी खींचेगे.