हाल ही में भाजपा को गुडबाय बोलकर सपा का दामन थामने वाले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की सोमवार को 8 साल पुराने मामले में सुल्तानपुर के (MP-MLA) कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए. कोर्ट ने अब इस मामले में 4 फरवरी की तारीख नियत की है.
अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि वर्ष 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के राष्ट्रीय महासचिव थे. इस दौरान उन्होंने गौरी गणेश पर अभद्र टिप्पणी की थी. इस मामले में एक परिवाद दाखिल किया था. परिवाद में स्वामी प्रसाद मौर्य को 295-ए में तलब किया गया था. साथ ही गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. बाद में स्वामी प्रसाद ने जिला न्यायायलय में रिवीजन प्रस्तुत किया, हालांकि वह निरस्त कर दिया गया.
इसके बाद मौर्या हाईकोर्ट चले गए थे. वहां से उन्हें स्थगन का आदेश मिल गया. साथ ही मामला यहां विचाराधीन चल रहा था. उसमे 6 जनवरी को (MP-MLA) कोर्ट में प्रस्तुत होने के लिए आदेश दिया था. लेकिन वह हाजिर नहीं हुए. इसके बाद 12 जनवरी को वारंट जारी किया गया था. इसके तहत उन्हें आज (सोमवार) को पेश होना था. लेकिन वह पेश नहीं हुए.
बता दें कि साल 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था शादियों में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए. यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है. इसी मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को 12 जनवरी को कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए तो अपर मुख्य दंडाधिकारी एमपीएमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.